डीएनए हिंदी: CarDekho देश का प्रमुख ऑटो प्लेटफॉर्म है, जो लोगों को ब्रांडेड और महंगी कारों पर अच्छी डील दिलाने में मदद करता है. हालांकि, कारदेखो के संस्थापक अमित जैन (Amit Jain) की यात्रा किसी प्रेरणा से कम नहीं है. बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन अमित जैन ने अपनी सफलता की यात्रा रतन टाटा (Ratan Tata) के नेतृत्व में शुरू की.
अमित जैन, जो प्रमुख ऑटो सेलिंग प्लेटफॉर्म कारदेखो के संस्थापक और सीईओ हैं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जयपुर से की है. बाद में वह रतन टाटा की सबसे अधिक लाभदायक कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के लिए काम करने लगे.
कई वर्षों तक TCS में काम करने के बाद, उन्होंने कई आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनियों में काम किया और अंततः अपने भाई अनुराग जैन के साथ मिलकर अपना खुद का स्टार्टअप स्थापित करने का फैसला किया. भाइयों ने सबसे पहले गिरनारसॉफ्ट (GirnarSoft) नाम से एक आईटी फर्म की स्थापना की.
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गिरनारसॉफ्ट की सफलता के बाद, अमित जैन ने अपनी आईटी कंपनी का प्रमुख पोर्टल कारदेखो लॉन्च करने का फैसला किया. हालांकि, शुरुआती दिनों में ऑटो प्लेटफॉर्म को बड़ी सफलता नहीं मिली. 2008 में स्थापित, कारदेखो 2010 के बाद ही प्रमुखता में आया.
जल्द ही, कारदेखो को 2014 में हांगकांग स्थित एक कंपनी से बड़ी फंडिंग मिली. हांगकांग की कंपनी से 414 करोड़ रुपये की बड़ी फंडिंग के बाद, कारदेखो का कारोबार आगे बढ़ा और इसने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Tata Sons chairman Ratan Tata) का ध्यान आकर्षित किया.
रतन टाटा ने अमित जैन की कारदेखो में निवेश किया, जिससे इसके मूल्यांकन को बड़ा बढ़ावा मिला. हालांकि रतन टाटा के निवेश की राशि का खुलासा नहीं किया गया, लेकिन अमित जैन की कंपनी का मुनाफा लगभग दोगुना हो गया और इसका मूल्यांकन आसमान छू गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अमित जैन की ऑटो कंपनी कारदेखो की कुल वैल्यूएशन 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो करीब 10,000 करोड़ रुपये बैठती है. अमित जैन ने कारदेखो को बाइकदेखो, कॉलेजदेखो और अन्य जैसे कई बिजनेसेज में विस्तारित किया है.
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CarDekho की कैसे हुई शुरुआत, रतन टाटा का क्या है इससे संबंध?