डीएनए हिंदी: भारत में निवेशकों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है. जहां पुरुष निवेशक रियल एस्टेट, स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर जोर देते हैं वहीं अब महिला निवेशकों की भी भागीदारी बढ़ती जा रही है.
मनीकंट्रोल के मुताबिक "ZestMoney" ने एक सर्वे किया जिसमें भाग लेने वाली अधिकांश महिलाएं साल 1980 के बाद पैदा हुई पीढ़ी की हैं.
इस सर्वे के मुताबिक 59 प्रतिशत महिलाएं गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं. वहीं 31 प्रतिशत महिलाएं म्यूचुअल फंड और इक्विटी में इन्वेस्ट करती हैं. इसके अलावा रिकरिंग डिपॉजिट (RD), रियल एस्टेट और क्रिप्टो भी महिलाओं के निवेश करने का लोकप्रिय जरिया बना हुआ है.
इस सर्वे के बारे में ZestMoney के CEO और को-फाउंडर Lizzie Chapman ने कहा कि इस सर्वे से सबसे अच्छी बात यह निकलकर आई है कि तमाम डिजिटल टेक्नोलॉजीज की जानकार युवा पीढ़ी की महिलाएं अपनी बचत सुरक्षित और कम जोखिम वाले निवेश विकल्पों में डालना चाहती हैं. इन निवेश के विकल्पों में गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ऑप्शन शामिल हैं. इसके अलावा बहुत सी महिलाएं म्यूचुअल फंड और इक्विटी में भी निवेश करने में इच्छुक हैं जो कि महिलाओं में फाइनेंशियल प्रोडक्ट को लेकर बढ़ी जागरुकता का संकेत है.
महिलाओं ने पर्सनल फाइनेंस को हाथ में लिया
Lizzie Chapman ने कहा कि महिलाओं ने अपने पर्सनल फाइनेंस की लगाम अपने हाथ में ले लिया है. ऐसा करने से वेल्थ क्रिएशन में महिलाओं की वित्तीय आत्मनिर्भरता और उनके व्यापक समावेश की प्रक्रिया को और तेज करेगा. हमारा मानना है कि पर्सनल फाइनेंस की सही जानकारी की मदद से महिलाओं को काफी फायदा होगा. जिसको ध्यान में रखकर हमने पिछले साल पर्सनल फाइनेंस से संबंधित जानकारी को स्थानीय भाषाओं में सहज और आसान तरीके से उपलब्ध कराने पर जोर दिया है.
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