डीएनए हिंदी: रुचि सोया का एफपीओ (FPO) आने से पहले ही निवेशकों के बीच छाया हुआ है. इसने अब कुछ ऐसा कर दिया है कि सेबी की नजरों में चढ़ गया है. बता दें कि सेबी (Securities and Exchange Board of India) जो कि स्टॉक और कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर है ने रुचि सोया पर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. सेबी के नियमों के मुताबिक सिर्फ एक्सपर्ट ही स्टॉक में निवेश के लिए टिप्स और सलाह दे सकते हैं. हालांकि रुचि सोया के FPO में निवेश से जुड़ी एक ऐसी सलाह ने सेबी को कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है.
FPO से जुड़ा SMS बना विवाद की वजह
रुचि सोया का FPO निवेशकों के लिए 22 मार्च से लेकर 28 मार्च तक निवेश के लिए खुला था. बता दें कि रुचि सोया पतंजलि ग्रुप की कंपनी है. कंपनी ने पूंजी जुटाने के लिए अपना एफपीओ पेश किया था. इस दौरान लोगों के फोन पर रुचि सोया में निवेश करने को लेकर एक SMS भेजा गया.
इस मैसेज में कहा गया कि “पतंजलि परिवार के सभी प्यारे सदस्यों के लिए बड़ी खबर है. पतंजलि ग्रुप में निवेश का यह अच्छा मौका है. पतंजलि ग्रुप की कंपनी रुचि सोया इंडस्ट्रीज ने रिटेल इनवेस्टर्स के लिए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) पेश किया है. यह इश्यू 28 मार्च 2022 को बंद हो रहा है. यह प्रति शेयर 615 रुपये से लेकर 650 रुपये के प्राइस पर मिलेगा, जो मार्केट प्राइस से 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर है. आप अपने बैंक/ब्रोकर/एएसबीए/यूपीआई के जरिए शेयर के लिए अप्लाई कर सकते हैं."
कंपनी का विवादों से है रहा है पुराना नाता
रुचि सोया के विवादों के बारे में यह जानना बेहद जरूरी है कि यह एक FMCG कंपनी है. दो साल पहले यह कंपनी दिवालिया घोषित हो गई थी. हालांकि बाबा रामदेव के पतंजलि ग्रुप ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. इस दौरान कंपनी के शेयर में काफी बड़ा उछाल देखने को मिला. साल 2020 में इस कंपनी का शेयर 21.55 रुपये था जो कि आज 949.50 रुपये पर है. बता दें कि रुचि सोया में 98 प्रतिशत की हिस्सेदारी पतंजलि समूह की है. सेबी के नियमों के तहत इसमें प्रमोटर की हिस्सेदारी सिर्फ 75 प्रतिशत तक ही हो सकती है.
बहरहाल पतंजलि समूह ने SMS को लेकर पल्ला झाड़ लिया है. साथ ही उसने SMS भेजने वालों के खिलाफ FIR भी फाइल कर दी है. हालांकि सेबी इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है और उसने कंपनी को कहा है कि वह निवेशकों से अपनी बोली रद्द करने के लिए उन्हें तीन दिन का समय दे. अब पतंजलि को इस आदेश का पालन करना पड़ा है.
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