Byjus Crisis: ऑनलाइन एडटेक कंपनी बायजूस का संकट शुक्रवार को अपने चरम पर पहुंच गया है. PTI के मुताबिक, कंपनी की EGM में शेयरहोल्डर्स ने सर्वसम्मति से कंपनी के फाउंडर सीईओ बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) और उनके परिवार को हटाए जाने के पक्ष में वोट किया है. इससे बायजू रविंद्रन की कंपनी से विदाई तय हो गई है. इससे पहले कंपनी के चार निवेशकों की तरफ से NCLT में मुकदमा दायर कर मैनेजमेंट को हटाए जाने की मांग की गई थी. बायजू कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगा हुआ है, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है. ED ने बायजूस पर 9,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए कंपनी के CEO के तौर पर रवींद्रन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर रखा है. साथ ही उनके देश छोड़कर जाने पर भी रोक लगा रखी है. पिछले साल अप्रैल में ED ने रवींद्रन के घर और बायजू के ऑफिसों पर छापा भी मारा था.
Byju's shareholders at EGM unanimously vote for removal of founder CEO Byju Raveendran, family, says shareholder Prosus
— Press Trust of India (@PTI_News) February 23, 2024
गरीब टीचर थे रवींद्रन, एक आइडिया ने बदली थी किस्मत
केरल के एझिकोड गांव के मूल निवासी बायजू रवींद्रन के पिता फिजिक्स और मैथ के टीचर थे. रवींद्रन का बचपन गरीबी में गुजरा. वे खुद भी बच्चों के ट्यूशन पढ़ाया करते थे. कन्नूर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की डिग्री लेने वाले रवींद्रन एक कंपनी में नौकरी करने लगे. साल 2007 में बायजू रवींद्रन की किस्मत अचानक उस समय बदल गई, जब उन्होंने कैट के दो लगातार एग्जाम में 100 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया था. हर तरफ उनकी चर्चा शुरू हो गई. उन्होंने स्टूडेंट्स को CAT की तैयारी कराने वाली एजुकेशन कंपनी की शुरुआत की. साल 2011 में रवींद्रन ने दिव्या गोकुलनाथ से शादी की, जो खुद टीचर थीं. दिव्या की सलाह पर 2015 में रवींद्रन ने ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाली थिंक एंड लर्न कंपनी स्थापित की. इसके बाद 2015 में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर Byjus App लॉन्च की और उनकी किस्मत बदल गई.
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एजुकेशन सेक्टर में बन गए थे दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में बायजू रवींद्रन की कंपनी की कीमत करीब 22 अरब डॉलर (1.89 हजार करोड़ रुपये) थी. हालांकि अब यह घटकर महज 1 अरब डॉलर रह गई है. खुद रवींद्रन और उनके परिवार के पास 3.3 अरब डॉलर की संपत्ति आंकी गई थी. उन्हें एजुकेशन सेक्टर में दुनिया का दूसरा सबसे अमीर आदमी आंका गया था. दुनिया के अरबपतियों में वे 994वें नंबर पर थे.
अचानक अर्श से फर्श पर आ गए हैं बायजू रवींद्रन
ऑनलाइन एजुकेशन की दुनिया के बेताज बादशाह कहलाने वाले बायजू रवींद्रन लगातार विवादों के चलते अर्श से फर्श पर आ गए हैं. कंपनी की वैल्यूएशन लगातार गिर रही है. दो साल में ही कंपनी 22 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर रह गई है. इस गिरावट के लिए कंपनी निवेशकों से लेकर बोर्ड मेंबर्स और शेयरहोल्डर्स तक ने रवींद्रन की गलत नीतियों पर ठीकरा फोड़ा है. इसी कारण शुक्रवार को कंपनी की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) बुलाई गई थी. जिसमें बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को Buyju की पेरेंट कंपनी Think And Learn के बोर्ड से बाहर करने के पक्ष में सर्वसम्मति से वोट किया गया है.
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कर्ज लेकर सैलरी देना भी नहीं आया काम
बायजू रवींद्रन ने कंपनी को बचाने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा रखा है. हाल ही में उन्होंने अपना घर गिरवी रखकर 100 करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि 40 करोड़ डॉलर का व्यक्तिगत कर्ज अपने सभी शेयर के बदले लिया था. इससे उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों की सैलरी दी थी. इसके बावजूद कंपनी संकट से नहीं उबरी है, जिसके चलते निवेशकों ने उन्हें अब कंपनी से ही बाहर कर दिया है.
कितने हैं बायजू परिवार के पास शेयर
कंपनी में बायजू रवींद्रन के परिवार के पास 26 फीसदी शेयर हैं. इनमें रवींद्रन के अलावा उनकी पत्नी व सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रवींद्रन आदि के भी शेयर हैं. EGM में केवल 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शेयरहोल्डर्स बुलाए गए थे. इन सभी ने बायजू परिवार को कंपनी से बाहर करने का फैसला लिया है.
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अपनी ही बनाई कंपनी से क्यों हटाए गए Byjus के मालिक Byju Raveendran? पढ़ें पूरी बात