डीएनए हिंदी: दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का शनिवार को निधन हो गया. उन्हें जहां बजाज की उपलब्धियों के लिए याद किया जाता है तो वहीं राजनीतिक मुद्दों पर मुखरता के कारण वो हमेशा चर्चा का विषय रहे. आखिरी बार दिसंबर 2019 में उनके एक बयान ने मोदी सरकार को बैकफुट पर ला दिया था और उनकी तारीफ राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) तक ने की थी और कहा था कि अर्थव्यवस्था पर बजाज के मुखर सवालों के बाद अन्य लोगों में भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलने की ताकत आई है.
अमित शाह के सामने मोदी सरकार को घेरा
राहुल बजाज राजनीतिक रूप से भी सक्रिय थे. वो साल 2006 से 2010 तक राज्यसभा सांसद भी रहे थे. उन्होंने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान दिसंबर 2019 में सीधे गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को घेर लिया था. इस दौरान मंच पर केंद्रीय गृहमंत्री के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर पीयूष गोयल जैसे मोदी सरकार के प्रतिनिधि बैठे थे. उन्होंने कहा था कि देश में लोग मोदी सरकार की आलोचना करने से डरते हैं.
इंडस्ट्री में डर का माहौल
राहुल बजाज ने अमित शाह समेत मोदी सरकार पर आरोप लगाता था कि उनकी सरकार के डर के कारण कोई बोलता नहीं है. बजाज ने कहा, “उद्योगपति मित्रों में से कोई भी नहीं बोलेगा, पर मैं खुल कर कहूंगा. इन यूपीए-2 हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे.आप अच्छा काम कर रहे हैं पर फिर भी हमारे पास फिलहाल वह आत्मविश्वास नहीं है कि हमारे खुलकर निंदा करने पर आप हमारी सराहना करेंगे या नहीं.”
अशोक गहलोत ने की थी तारीफ
अमित शाह के सामने मोदी सरकार की आलोचना करने पर विपक्ष ने राहुल बजाज की तारीफ की थी और संसद में अन्य नेताओं ने भी आर्थिक मोर्चे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. राजस्थान के मुख्यमंत्री आशोक ग्हलोत ने कहा था कि राहुल बजाज ने मोदी सरकार को आईना दिखाया है. अशोक गहलोत ने कहा था कि, “राहुल बजाज का मैं स्वागत करता हूँ की उन्होंने सरकर के गृहमंत्री के सामने सच बोला है. ऐसे में कई और लोगों को भी हिम्मत आएगी. जब मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के खराब होने की बात की थी तब उसे कोई स्वीकार नहीं कर पा रहा था लेकिन राहुल बजाज के खुलकर इस पर बोलने के बाद भी उम्मीद करते हैं कि सरकार इसे स्वीकार करेगी और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करेगी ताकि देश का भला हो."
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इसके बाद लंबे समय तक मोदी सरकार की आर्थिक मोर्चे पर आलोचनाएं हुईं और राहुल बजाज के बेटे राजीव बजाज ने भी मोदी सरकार को घेरा था. हालांकि राहुल बजाज ने केन्द्र की आलोचना पहली बार नहीं की थी बल्कि साल 2013 में यूपीए सरकार को जमकर घेरा था और भारतीय अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ तक करने के आरोप लगाए थे. ऐसे में उन्हें किसी एक पक्ष से जोड़कर कभी नहीं देखा गया जो कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
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