Property Capital Gains Tax: केंद्र सरकार ने इस बार आम बजट में कई ऐसे प्रावधान किए थे, जिन्हें लेकर जनता, खासतौर पर मध्यम वर्ग में नाराजगी का माहौल बन गया था. इनमें से कई प्रावधान को बजट चर्चा के दौरान विपक्ष ने भी मुद्दा बनाने की कोशिश की है. जनता की नाराजगी और आगामी महीनों में कई अहम राज्यों में चुनाव को देखते हुए अब मोदी सरकार ने इन प्रावधानों में सुधार की कोशिश शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) से की जा रही है. केंद्र सरकार ने प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले टैक्स से जुड़े प्रस्ताव में बदलाव करने का प्रस्ताव पेश किया है. इसके पास होने के बाद जनता को अपनी प्रॉपर्टी लंबे समय बाद बेचने पर मिलने वाला इंडेक्सेशन (indexation) का फायदा फिर से शुरू हो जाएगा.
क्या किया गया था प्रस्ताव और क्यों हो रहा था विरोध
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में इस बार प्रॉपर्टी बेचने पर 12.5 फीसदी का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स वसूलने का प्रावधान किया था. इसके साथ ही प्रॉपर्टी बेचने पर होने वाला इंडेक्सेशन (indexation) का फायदा भी नए नियमों में बंद कर दिया था. सरकार का दावा था कि अब तक प्रॉपर्टी बेचने पर 20 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा था, जिसे घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. पहली नजर में यह फायदे का सौदा दिखाई देता है, लेकिन इंडेक्ससेशन का लाभ बंद होने से सरकार एकतरफ लाभ देकर दूसरी तरफ जनता से पैसा वापस ले रही थी, जिससे किसी भी व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी बेचने पर पहले से भी ज्यादा टैक्स के बोझ से जूझना पड़ेगा. इसके चलते ही सरकार के प्रावधान का विरोध हो रहा था. खासतौर पर रियल एस्टेट लॉबी ने इस प्रावधान का बेहद विरोध किया था, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इससे प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का मार्केट ठंडा पड़ जाएगा. लोग अपनी प्रॉपर्टी बेचने में दिलचस्पी ही नहीं दिखाएंगे. इसी कारण सरकार पर दबाव बना हुआ था.
पुरानी प्रॉपर्टी बेचना फायदे के बजाय होता नुकसान का सौदा
टैक्स की दरको 20% से घटाकर 12.5% करने पर भी इंडेक्सेशन सुविधा खत्म होने से पुरानी प्रॉपर्टी रखने वालों को ज्यादा नुकसान होता. अमूमन प्रॉपर्टी को ज्यादा समय तक रखने पर ज्यादा दाम मिलने से उसे फायदे का निवेश माना जाता है, लेकिन सरकार के नए प्रावधान से ऐसी प्रॉपर्टी के मालिक को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता. साथ ही उसके ऊपर इनकम टैक्स में भी ज्यादा मार पड़ती, जहां पहले ही सरकार ने टैक्स स्लैब में किए बदलावों के नाम पर कोई खास फायदा नहीं दिया है.
अब नए प्रस्ताव में इनकम टैक्स की तरह दो विकल्प देगी सरकार
सरकार ने जनता की नाराजगी को देखते हुए वित्त विधेयक, 2024 में संशोधन का जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार (7 अगस्त) को लोकसभा में पेश करेंगी. इसका ब्योरा सभी लोकसभा सांसदों को दे दिया गया है. इस संशोधन के तहत अब सरकार प्रॉपर्टी बेचने वाले को इनकम टैक्स की तरह ही दो विकल्प चुनने का मौका देगी. पहले विकल्प के तहत कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) अब भी इंडेक्सेशन (indexation) सुविधा लेने के साथ 20% टैक्स दे सकता है. दूसरे विकल्प के तहत यदि प्रॉपर्टी बेचने वाला चाहेगा तो वह 12.5 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के तहत लाभ ले सकता है. दोनों विकल्पों में से जिसमें भी टैक्स कम बने, उसके तहत प्रॉपर्टी बेचने वाला भुगतान कर सकता है. हालांकि यह संशोधन केवल बजट पेश करने की तारीख यानी 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी संपत्ति पर ही लागू होगा.
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बजट पर भारी जनता की नाराजगी, बैकफुट पर सरकार, अब नहीं लगेगा ये टैक्स