डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई का असर वैश्विक व्यापार पर पड़ता हुआ दिख रहा है. वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स अब 115 डॉलर प्रति बैरल के निशान पर पहुंच गया है. बता दें कि साल 2014 के बाद पहली बार तेल की कीमतें 115 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं हैं. भारतीय बाजार में जहां दिन पर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है. वहीं सोने-चांदी की कीमतें आसमान छू रही हैं. खबर है कि भारत में अब अनाज मंडी में भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है. गेंहू के दाम बीते 15 दिनों में तेजी के साथ उछले हैं. गेंहू के दाम में लगभग 85 रुपये क्विंटल की बढ़त दर्ज की गई है.

आमतौर पर गेंहू की नई फसल की आवक के समय इसके भाव में गिरावट देखी जाती है लेकिन ये  तेजी देखकर दिमाग प्रश्न करने पर मजबूर है कि यह तेजी कैसी? संभावना जताई जा रही है कि इस साल भारत का गेंहू कुछ नए बाजार की शक्ल देख सकता है. बता दें कि भारत से लगभग हर साल विश्व भर में लगभग 20 करोड़ टन के गेंहू का निर्यात होता है. इसमें रूस और यूक्रेन में लगभग 5 से 6 करोड़ टन गेंहू के निर्यात होता है.

रूस-यूक्रेन की लड़ाई पर गेंहू की कीमत पर क्यों हो रहा असर?

रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेंहू निर्यातक देश है. तीसरे नंबर पर यूक्रेन आता है. साल 2021-22  के दौरान रूस से 3.5 करोड़ टन और यूक्रेन से 2.4 करोड़ टन निर्यात होने का अनुमान लगाया गया है लेकिन दोनों देशों के बीच जंग होने की वजह से आपूर्ति बाधित हो सकती है. अगर यह आपूर्ति बाधित होती है तो इस मौके का फायदा उन देशों को मिलेगा जिनके पास गेंहू का अच्छा खासा स्टॉक है.

भारत गेंहू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश 

रूस के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गेंहू (Wheat Price) का उत्पादक देश है. मौजूदा समय में भारत के पास पर्याप्त मात्रा में गेंहू की सप्लाई भी है जो निर्यात बढ़ाने में सहायक साबित होगा. पहली फरवरी तक देश के केंद्रीय पूल में 2.82 करोड़ टन गेंहू का स्टॉक दर्ज किया गया है. इसके अलावा बाजार और किसानों के पास भी अच्छा स्टॉक है. मिली जानकारी के मुताबिक इस साल 11 टन गेंहू की उपज की भी संभावना है. साल भर में देश की अपनी खपत लगभग 10.5 टन रहती है मतलब घरेलू जरूरत के पूरा होने के बाद भी निर्यात के लिए पर्याप्त मात्रा में गेंहू बच जायेगा. कयास लगाया जा रहा है कि इस साल भारत से 70 लाख टन गेंहू का निर्यात (Export) हो सकता है. बता दें कि दिसंबर महीने तक 50 लाख टन गेंहू का निर्यात किया जा चुका है.

रूस और यूक्रेन के बीच जंग (World War 3) होने से आपूर्ति बाधित होगी और जिन देशों में ये देश गेंहू निर्यात करते हैं. भारत ऐसे में उन देशों में अपनी व्यापारिक पैठ बना सकता है. इनमें से कई ऐसे देश हैं जो भारत के पड़ोसी हैं.

बांग्लादेश का भारत से आयात

सालभर में बांग्लादेश लगभग 75 लाख टन गेंहू भारत से आयात करता है. हाल के दिनों में इसने भारत से खरीद बढ़ाई है. वहीं ईरान रूस से गेंहू के आयात के लिए निर्भर है जहां अब भारत की संभावना बढ़ गई है.

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Ukraine-Russia War: Prices of what can increase? wheat prices rise
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Ukraine-Russia War: किन-किन चीजों के दाम बढ़ सकते हैं? गेहूं के दाम बढ़े
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Ukraine-Russia War: किन-किन चीजों के दाम बढ़ सकते हैं? गेहूं के दाम में हो रहा है इजाफा