डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस जंग की वजह से वैश्विक महंगाई में वृद्धि देखने को मिल रही है. अब सनफ्लावर के तेल (Sunflower Oil) की कीमत में भी वृद्धि आ सकती है. बता दें कि यूक्रेन के बंदरगाह पर फिलहाल 3 लाख टन सनफ्लावर तेल अटका हुआ है. वहीं भारत में सरसों के तेल की कीमतों में भी नरमी के संकेत नहीं दिख रहे हैं. खबर है कि सरकार ने 31 दिसंबर 2022 तक स्टॉक लिमिट बढ़ा दी है.
रूस से सनफ्लावर की खरीद
भारत ने रूस से रिकॉर्डतोड़ सनफ्लावर तेल की खरीद की है. रूस से भारत ने लगभग 2150 डॉलर प्रति टन C&F रेट पर सनफ्लावर तेल 45 हजार टन खरीदा है. रूस-यूक्रेन के जंग से पहले C&F पर सनफ्लावर के रेट 1630 डॉलर प्रति टन था. अनुमान लगाया जा रहा है कि मिड अप्रैल में रूस से सनफ्लावर तेल की डिलीवरी होगी. मालूम हो कि भारत हर साल 25 लाख टन सनफ्लावर तेल का इम्पोर्ट करता है. इसमें यूक्रेन से 70 प्रतिशत, रूस से 20 प्रतिशत, अर्जेंटीना से 10 प्रतिशत आयात होता है. फिलहाल युद्ध की वजह से यूक्रेन से सनफ्लावर तेल का आयात पूरी तरह बाधित है जिससे यूक्रेन के बंदरगाहों पर अब भी 3 लाख टन सनफ्लावर तेल फंसा हुआ है.
सरसों के तेल पर भी असर
इस साल सरसों की फसल रिकॉर्डतोड़ हुई है. बावजूद इसके उसके रेट में कोई खास कमी नहीं आई है. मंडियों में तय MSP से ज्यादा रेट पर सरसों (Mustard Oil) की बिक्री हो रही है. बता दें कि सरसों वायदा में बैन हुए लगभग 6 महीने का समय बीत चुका है.
सनफ्लावर का तेल होगा महंगा
रूस से रिकॉर्ड रेट पर सनफ्लावर के तेल का आयात हुआ है. 45 हजार टन ऑयल 2150 डॉलर प्रति टन के रेट पर खरीदा गया है. वहीं यूक्रेन से सप्लाई ठप होने की वजह से आयात महंगा हुआ है. 3 लाख टन तेल अभी भी यूक्रेन के बंदरगाह पर फंसा हुआ है. फरवरी महीने में तेल की कीमत में 4 प्रतिशत का इजाफा हुआ था. भारत में सालाना 25 से 30 लाख टन तेल की खपत होती है. अब इम्पोर्ट अवरुद्ध हो जाने की वजह से तेल की कीमत में और वृद्धि होगी.
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