डीएनए हिंदी: रियल एस्टेट सेक्टर के लिए इस बार के बजट में कोई खास घोषणा नहीं हुई है. हालांकि PM आवास योजना के तहत 80 लाख नए घर बनाने के ऐलान के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिल खोलकर खर्च करने की बात कही गई है. उम्मीद है कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भरपूर फायदा मिलेगा.
जब ये घर बनेंगे तो कंस्ट्रक्शन सेक्टर को काफी काम मिलेगा. साथ ही बड़ा फ़ायदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ने से होने वाले कैपिटल एक्सपेंडीचर के बढ़ने से होगा. माना जा रहा है कि इससे शहरों, सड़कों और पोर्ट्स समेत हर जगह विकास होगा. यह घरों की डिमांड बढ़ाएगा जिससे रियल एस्टेट को फ़ायदा होगा.
जमीन की रजिस्ट्री के रिकॉर्ड होंगे डिजिटल
सरकार की योजना है कि जमीन की रजिस्ट्री के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाए. इसके जरिए यूनीक आईडी बनाकर फ्रॉड से बचने की योजना भी है जो रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाएगी. इस पारदर्शिता से रियल एस्टेट सेक्टर में निवेशकों (Investors) का भरोसा बढ़ेगा और यह ज्यादा रोजगार देने के साथ ही अर्थव्यवस्था के विकास में भी अधिक योगदान कर सकेगा.
कृषि क्षेत्र के बाद रियल एस्टेट सेक्टर दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है. साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में 14 बड़े सेक्टर्स में से तीसरा सबसे ज्यादा योगदान देने वाला सेक्टर भी है.
रियल एस्टेट मार्केट का साइज
भारत में रियल एस्टेट मार्केट का साइज 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. रियल एस्टेट मार्केट का साइज 2021 में 200 बिलियन डॉलर से ऊपर रहा. साथ ही 2025 तक देश की GDP में इसके 13 फीसदी योगदान देने की उम्मीद है जो इस वक्त 7 परसेंट है. ऐसे में 45 लाख तक के अफोर्डेबल घरों के होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली वाली डेढ़ लाख की अतिरिक्त छूट को ना बढ़ाने समेत कई तरह की डिमांड्स के पूरा ना होने से रियल एस्टेट मायूस भी हुआ है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास से घरों की डिमांड्स बढ़ती है तो फिर यह सेक्टर बिना किसी मदद के खुद से अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है.
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