डीएनए हिंदी: आज के इस दौर में बैंक से जोड़ा लेन-देन (Banking Transactions) का काम लोग मिनटों में कर लेते हैं ऐसे में कोई बैंक नहीं जाता और यह उनके लिए बेहद सहूलियत वाला साधन बन गया है. वहीं इस डिजिटाइजेशन (Digitization) को लेकर SBI के चेयरमैन दिनेश खारा (Dinesh Khara) ने चिंताएं जताई हैं उन्होंने कहा कि बैंकों को अधिक मुस्तैदी की आवश्यकता है वरना वो ग्राहकों की महत्वकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाएंगे.
दरअसल मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि डिजिटलीकरण और नई प्रौद्योगिकियां बैंकिंग क्षेत्र में अभूतपूर्व व्यवधान पैदा कर रही हैं और इस दौरान ग्राहकों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बैंक को अधिक मुस्तैद होने की जरूरत है. उन्होंने बैंकों की लंचर व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं.
दिनेश खारा ने डिजिटल क्रांति को लेकर कहा, “बैंकों द्वारा डिजिटल क्रांति को अपनाने से उनकी लागत कम हुई है और उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का विस्तार हुआ है.” खारा ने डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के एक कार्यक्रम में कहा, “डिजिटल नवाचार उद्योगों को फिर से परिभाषित कर रहा है और व्यवसायों के काम करने के तरीके को बदल रहा है. डिजिटलीकरण और नयी प्रौद्योगिकी बैंकिंग क्षेत्र में अभूतपूर्व व्यवधान पैदा कर रही हैं और परिवर्तन की दर तेज हो रही है.”
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बैंकों की लचर व्यवस्था और ग्राहकों की परेशानियों को लेकर दिनेश खारा ने कहा, “बैंकों को चुस्त और फुर्तीला होना चाहिए क्योंकि प्रौद्योगिकी से ग्राहकों की अपेक्षाएं बढ़ती हैं और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने के लिए नियामक परिदृश्य भी तेजी से विकसित होता है.”
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