डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने काली कमाई करने वालों के खिलाफ एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2,000 रुपये के नोट को बंद करने की घोषणा की है. इसे लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. आरबीआई ने कहा कि 2,000 रुपये की करेंसी को सर्कुलेशन से बाहर किया जा रहा है. हालांकि रिजर्व बैंक ने लोगों को एक बड़ी राहत भी दी है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जिन लोगों के पास पहले से 2,000 रुपये के नोट मौजूद हैं, वे कानूनी तौर पर वैध बने रहेंगे और उनका लेनदेन जारी रहेगा. हालांकि अब 2000 रुपये का नया नोट जारी नहीं किया जाएगा. पुराने नोट भी बैंकों में पहुंचने के बाद दोबारा जारी नहीं किए जाएंगे.
RBI to withdraw Rs 2000 currency note from circulation but it will continue to be legal tender. pic.twitter.com/p7xCcpuV9G
— ANI (@ANI) May 19, 2023
आरबीआई ने क्या कहा है
आरबीआई ने शुक्रवार को एक प्रेसनोट में कहा, 2000 रुपये का बैंक नोट सर्कुलेशन से बाहर किया जा रहा है, लेकिन यह लीगल टेंडर बना रहेगा यानी पहले से मौजूद 2000 रुपये का नोट फिलहाल कानूनी तौर पर वैध बना रहेगा. यह फैसला 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. ऐसा ही एक फैसला आरबीआई ने साल 2013-14 में भी लिया था, जिसमें एक खास तरह के नोट सर्कुलेशन से बाहर कर दिए गए थे.
जनता के पास मौजूद 2,000 रुपये के नोट का क्या होगा
आरबीआई के मुताबिक, जिन लोगों के पास पहले से 2,000 रुपये के नोट मौजूद हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. बाजार में अब भी इस नोट के जरिये लेनदेन करना वैध रहेगा. ऐसे लोग चाहें तो अपने पास मौजूद नोट को बैंक में जाकर 500 या 100 रुपये या किसी अन्य नोट के साथ बदल भी सकते हैं. बैंकों में नोट बदलने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू हो जाएगी, जिसमें एक बार में केवल 20,000 रुपये के नोट ही बदले जाएंगे. सभी बैंक 2,000 रुपये के नोट को बदलने या खाते में जमा कराने की सुविधा 30 सितंबर, 2023 तक अपने ग्राहकों को देंगे. इसके बाद 2,000 रुपये का कोई भी नोट नहीं लिया जाएगा.
क्यों लिया गया है ये फैसला?
आरबीआई के मुताबिक, 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के दौरान 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद किए गए थे. इसके चलते अर्थव्यवस्था में एकदम पैदा हुई करेंसी लिक्विडेशन की प्रॉब्लम से निपटने के लिए 2,000 रुपये का नोट शुरू किया गया था. हालांकि इनकी प्रिंटिंग रिजर्व बैंक ने साल 2018-19 में ही बंद कर दी थी. अर्थव्यवस्था में मौजूद 2,000 रुपये के 89% नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे, जिनके सही-सलामत रहने की अवधि 4 से 5 साल थी यानी साल 2022 में ये चलन से बाहर हो चुके होंगे. 31 मार्च, 2018 को अर्थव्यवस्था में 2,000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी अपनी पीक पर थी. उस समय बाजार में 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट थे, जो कुल जारी नोट का 37.3% हिस्सा थे. इसके बाद से बाजार में इनकी हिस्सेदारी कम हुई है और 31 मार्च, 2023 तक ये घटकर कुल नोट का महज 10.8% यानी करीब 3.62 लाख करोड़ रुपये ही रह गए हैं. इसके चलते अर्थव्यवस्था पर इन्हें हटाने से कोई खास असर नहीं होने जा रहा है.
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