डीएनए हिंदी: 80 और 90 के दशक के लोगों के जेहन में आज भी बजाज स्कूटर का विज्ञापन 'हमारा बजाज' ताजा है. 'बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर' लिखने वालों में शामिल बजाज स्कूटर वाले राहुल बजाज ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया. राहुल बजाज बजाज ऑटो के संस्थापक थे. पिछले साल ही उन्होंने बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था. 

1938 में हुआ था जन्म
राहुल बजाज का जन्म आजाद से पहले साल 1938 में हुआ था. वो कैंसर से पीड़ित थे. शनिवार को उन्होंने पुणे में अंतिम सांस ली. राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने ही साल 1926 में बजाज कंपनी की शुरुआत की थी, जिसे बाद में राहुल बजाज ने नए आयाम दिए.

दिल्ली यूनिवर्सिटी और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और बॉम्बे यूनिवर्सिटी से बाद की बढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया. अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने साल 1965 में बजाज ऑटो शुरू की और 1968 में इस कंपनी के CEO बन गए.

बजाज स्कूटर ने दिलाई अपार लोकप्रियता
राहुल बजाज की कंपनी बजाज ऑटो पहले तीन पहिया वाले वाहनों पर ही काम करती थी लेकिन 70 की दशक की शुरुआत में इसने चेतक नाम से स्कूटर की मार्केट में एंट्री की. 1980 के दशक में चेतक स्कूटर बहुत ज्यादा फेमस हुआ. इसी दौराना बजाज के 'हमारा बजाज' विज्ञापन ने लोगों के दिल और जुबां पर जगह बनाई जो आज तक कायम हैं.

परिवार में दो बेटे और एक बेटी
राहुल बजाज पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. अस्पताल के डॉक्टर परवेज ग्रांट ने बताया कि आयु संबंधी और हृदय एवं फेफड़ों संबंधी बीमारियों की वजह से उनका निधन हो गया. राहुल बजाज का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा. उनके परिवार में उनके दो बेटे राजीव बजाज और संजीव बजाज तथा बेटी सुनैना केजरीवाल हैं. 

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नहीं रहे 'हमारे बजाज', भारत की तस्वीर बुलंद करने में दिया अहम योगदान
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