डीएनए हिंदी: पेटीएम की पैरेंट कंपनी (One97 Communications) के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. कंपनी के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर अपने 952.3 रुपये प्रति शेयर के रिकॉर्ड निचले पर पहुंच गए हैं. कयास लगाया रहा है कि कंपनी की संभावनाओं को लेकर इनवेस्टर्स अभी भी निराश हैं इसलिए वह धीरे-धीरे IPO की बिक्री करके निकल रहे हैं. शुक्रवार को कंपनी के शेयर में 4 फीसदी की गिरावट आई. इसके साथ उन इनवेस्टर्स की 10 अरब डॉलर से ज्यादा रकम डूब गई है जिन्होंने फिनटेक कंपनी के IPO में भाग लिया था. पेटीएम (Paytm) के शेयरों में पिछले 14 सत्रों में से 13 में गिरावट रही है.
Paytm के IPO का इश्यू प्राइस
Paytm का शेयर अपने इश्यू प्राइस से 56 फीसदी नीचे आ चुका है. इसका इश्यू प्राइस 2150 रुपये था. इस तरह यह इस वक्त 1200 रुपये के घाटे पर ट्रेडिंग कर रहा है. लिस्टिंग से पहले इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.4 लाख करोड़ रुपये था फिलहाल कंपनी का मार्केट कैप (market cap) 62 हजार 166 करोड़ रुपये है.
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मैक्वायरी ने घटाया टारगेट
मैक्वायरी (Macquarie) के एनालिस्ट्स ने पेटीएम के शेयर का टारगेट 1,200 रुपये से घटाकर 900 रुपये कर दिया था. जिसके बाद कंपनी के शेयर इस महीने में 28% से ज्यादा टूट चुके हैं. ब्रोकरेज हाउस को कंपनी के बिजनेस में सुधार के सीमित संकेत दिखते हैं.
टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में कमजोरी का असर
ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में मजबूती के चलते दुनिया भर में टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में कमजोरी आई है. इसी का असर पेटीएम (Paytm) के शेयर पर भी पड़ रहा है. बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी टेक्नोलॉजी स्टॉक्स (Technology Stocks) के लिए निगेटिव है क्योंकि इससे उनका वैल्युएशन कम होता है. कोविड-19 के कारण ब्याज दरों के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने से टेक्नोलॉजी स्टॉक्स को सहायता मिली है क्योंकि इससे निवेशकों को भविष्य में कमाई का मौका मिला है. पेटीएम के मामले में प्रॉफिटेबिलिटी के ट्रैक रिकॉर्ड की कमी उन इनवेस्टर्स के लिए कोई समस्या नहीं है जिन्होंने पांच से छह साल में होने वाले प्रॉफिट की उम्मीद में कंपनी की रिच वैल्युएशन को स्वीकार कर लिया है.
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