डीएनए हिंदी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने रविवार को वित्त सचिव टी वी सोमनाथन को सलाह दी कि वह अपने इस सिद्धांत पर फिर से विचार करें कि हाउसिंग लोन सेविंग नहीं है. दरअसल, सोमनाथन (TV Somanathan) ने एक इंटरव्यू के दौरान पुरानी टैक्स व्यवस्था के बारे में बात करते हुए कहा था कि अगर कोई कर फ्रीडम के ढांचे को देखता है, तो आधा बचत के लिए आधा गैर-बचत के लिए होता है. जैसे होम लोन और उस पर लगने वाला ब्याज. ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या सच में होम लोन एक सेविंग टूल है?
पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘वित्त सचिव पूछ रहे हैं कि क्या आवास ऋण बचत है? इसपर वित्त सचिव का जवाब ‘नहीं’ है. उन्होंने कहा कि पता नहीं कितने लोग वित्त सचिव से सहमत होंगे.’ चिदंबरम ने कहा कि ब्याज का भुगतान और लोन की किस्त वास्तव में एक खर्च है, लेकिन यह ऐसा व्यय है जो संपत्ति में बदल जाता है, जो एक बचत है.
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पूर्व वित्त मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर आप यही पैसा छुट्टियों बिताने या रेसकोर्स में खर्च करते हैं, तो इससे आपकी कोई संपत्ति नहीं बनती है, यह कोई बचत नहीं है. चिदंबरम ने वित्त सचिव को सलाह दी कि वह अपनी इस सिद्धांत पर नए सिरे से विचार करें.
The Finance Secretary asks "Is the housing loan a saving?" His answer is 'No'
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 5, 2023
I wonder how many people will agree with the Finance Secretary
वित्त सचिव ने क्या कहा था?
वित्त सचिव सोमनाथन एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान नई और पुरानी टैक्स व्यवस्थाओं के बीच लाभ पहुंचाने वाले अंतर के बारे में बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हाउसिंग लोन बचत का हिस्सा नहीं है, यह एक खर्च है. उन्होंने कहा कि पुराने टैक्स सिस्टम में आधी छूट सेविंग्स स्कीम्क के लिए और आधी छूट नॉन-सेविंग योजनाओं के लिए है.
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निवेश सीमा बढ़ाने क्या था मकसद?
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में लघु बचत योजनाओं में निवेश सीमा बढ़ाने के फैसले का मकसद वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाना बताया. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक और मध्यम वर्ग अपनी बचत को अधिक रिटर्न या प्रतिफल वाली सुरक्षित सरकारी जमा योजनाओं में लगाते हैं. बजट 2023-24 में वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए निवेश की अधिकतम सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये और संयुक्त खाते के लिए नौ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की जाएगी.
सोमनाथन ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत निवेश सीमा में काफी समय से बदलाव नहीं हुआ था. इस फैसले के पीछे मुख्य मकसद मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण है. यह धारणा थी कि अधिक उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित निवेश विकल्पों की जरूरत है. पिछले संशोधन के बाद से लोगों की आमदनी काफी बढ़ी है. इस तरह निवेश सीमा को दोगुना करने से अब वरिष्ठ नागरिकों को अपना पैसा शत-प्रतिशत सुरक्षित निवेश विकल्प में लगाने का मौका मिलेगा.
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हाउसिंग लोन सेविंग है या नहीं? चिदंबरम ने वित्त सचिव की लगा दी क्लास, आसान भाषा में समझाया पूरा फंडा