डीएनए हिंदी: भले ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम कर आम लोगों राहत दी हो, लेकिन साल 2022 में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में कोई राहत मिलने के आसार नहीं है. जानकारों के अनुसार यूक्रेन—रूस वॉर की वजह से क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर के पार बने रह सकते हैं. इसमें कोई राहत मिलने वाली नहीं है. वहीं दूसरी ओर ओपेक भी क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन में इजाफा करने को तैयार नहीं है. ऐसे में आने वाले समय में देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा फिर से देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर क्रूड ऑयल और पेट्रोल और डीजल के दाम के बारे में एक्सपर्ट क्या कह रहे हैं.
क्रूड ऑयल के दाम में राहत मिलने के कोई आसार नहीं
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. ऐसे हालात पूरे साल देखने को मिल सकते हैं. आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के अनुसार क्रूड ऑयल के मामले में मौजूदा वक्त दो ट्रिगर काम कर रहे हैं. पहला रूस—यूक्रेन वॉर के वजह से ग्लोबली पैदा हुआ जियो पॉलिटिकल टेंशन, दूसरा ओपेक की ओर से प्रोडक्शन ना बढ़ाना. जिसकी वजह से यह साल 2022 में क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर के पार रह सकते हैं.
चीन में लॉकडाउन खत्म होते ही फिर बढ़ेगी कीमतें
वहीं दूसरी ओर मौजूदा समय में कोविड की वजह से चीन में लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसकी वजह से चीन की ओर से डिमांड अभी कम है. जैसे ही चीन से कोविड का असर कम होगा और लॉकडाउन में ढील दी जाएगी, क्रूड ऑयल की डिमांड बढ़ जाएगी. जिसके बाद क्रूड ऑयल के दाम में दो से तीन फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है. ऐसे में क्रूड ऑयल के दाम इजाफा ही होगा.
यूएस बढ़ा रहा है प्रोडक्शन
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार साल के सेकंड हाफ में क्रूड ऑयल के दाम में थोड़ी राहत मिलती हुई दिखाई देगी. उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देश अपने रिजर्व को बाहर निकाल रहे हैं. जबकि यूएस ने अपने प्रोडक्शन में इजाफा किया है. अगर ईयू रूस पर बैन भी लगाता है तो उसकी पूर्ति यूएस से पूरी हो जाएगी. उन्होंने आगे बताया कि यूएस ने जिन देशों पर प्रतिबंध लगाए थे वो भी हटा रहा है. ताकि ईरान और वेनेजुएला जैसे देश अपना ऑयल मार्केट में लेकर आ सके. इन सब वजह से भी क्रूड ऑयल के दाम में थोड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे सकती है.
बढ़ेंगे पेट्रोल और डीजल के दाम
वैसे तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई इजाफा नहीं किया जा रहा है. वहीं सरकार ने हाल ही में टैक्स भी कम किया है, लेकिन क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर से ज्यादा रहना भारत के लिए अच्छा नहीं है. लंबे समय तक क्रूड ऑयल का 100 डॉलर से ऊपर रहने पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां दाम बढ़ाने पर मजबूर हो जाएंगी. अनुज गुप्ता के अनुसार चीन का जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा उसके बाद से डिमांग फिर से बढ़ेगी और दाम में इजाफा होगा. जिसके बाद मुमकिन है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर से इजाफा होना शुरू हो जाए.
मौजूदा समय में कितने हैं क्रूड ऑयल के दाम
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. आंकड़ों के अनुसार ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत में आज यानी सोमवार को एक फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से दाम 113 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. जबकि अमरीकी क्रूड ऑयल डब्ल्यूटीआई 0.81 फीसदी की तेजी के साथ 111 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है.
भारत में कच्चे तेल की कीमत
अगर बात भारत में कच्चे तेल की कीमत की बात करें तो मल्टी कमोडिटी इंडेक्स पर 14 रुपए की मामूली बढ़त के साथ 8632 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. जबकि आज कच्चा तेल 8623 रुपए प्रति बैरल पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान 8658 रुपए प्रति बैरल पर पहुंचा था. 10 मई के बाद से भारत के वायदा बाजार में कच्चे तेल के दाम में करीब 12 फीसदी की तेजी देखने को मिली है.
सरकार ने कम किया है टैक्स
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी को कम किया था. पेट्रोल पर से 8 और डीजल पर से 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज कम किया है. एक्साइज में कटौती के बाद पेट्रोल के दाम करीब 9 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम में 7 रुपए प्रति लीटर की कमी देखने को मिली है. बाद कई राज्यों ने वैट मे भी कटौती की है. सरकार ने इससे पहले नवंबर के महीने में एक्साइज को कम किया था. जिसके बाद बीजेपी शासित राज्यों ने वैट में कटौती थी, लेकिन गैर बीजेपी शासित राज्यों ने अपने टैक्स को कम नहीं किया था.
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पूरे साल गर्म रहेगा क्रूड ऑयल, आम लोगों को लगातार रुलाएगी पेट्रोल और डीजल की कीमतें