डीएनए हिंदी: एशिया के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) दिवालिया हो चुकी गुजरात की टेक्सटाइल कंपनी सिंटेक्स इंडस्ट्रीज (Sintex Industries Ltd) को खरीदने के करीब पहुंच गए हैं. बता दें कि टेक्सटाइल कंपनी सिंटेक्स इंडस्ट्रीज (Sintex Industries Ltd) कपड़ा और धागे बनाने का काम करती है. मौजूदा समय में इस कम्पनी के ऊपर 7 हजार करोड़ रुपये के ऊपर कर्ज है. साथ ही यह ग्लोबल फैशन ब्रांड जैसे अरमानी, हुगो बास, डीजल और अन्य को सप्लाई करती है.

कितनी कंपनियों ने लगाई है बोली?

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज (Sintex Industries Ltd) को खरीदने के लिए चार कंपनियों ने बोली लगाई थी. आरआईएल (RIL) के अलावा वेलस्पन ग्रुप (Welspun Group) की ईजीगो टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, जीएचसीएल लिमिटेड (Ghcl) और हिम्मतसिंगका वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड (Himatsingka Ventures Private Limited) ने भी सिंटेक्स के लिए बोलियां लगाई हैं.  हालांकि सिंटेक्स इंडस्ट्रीज को खरीदने की होड़ में वेलस्पन (Welspun) और रिलायंस (RIL) सबसे आगे चल रहे हैं 

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज पर कितने करोड़ का कर्ज है?

एक रिपोर्ट के मुताबिक सिंटेक्स इंडस्ट्रीज कर्ज के बोझ में डूबी हुई है. इसपर अब तक 27 बैंक व वित्तीय संस्थान 7,534.6 करोड़ रुपये के बकाये का दावा कर चुके हैं. जिसमें एक्सिस बैंक (Axis Bank), आरबीएल (RBL), आदित्य बिड़ला फाइनेंस (Aditya Birla Finance), एलआईसी (LIC), एसबीआई (SBI) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) समेत कई अन्य बैंक और वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं.

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के शेयर में उछाल 

सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के शेयर का अगर पिछले एक महीने का डाटा देखा जाए तो इसने निवेशकों को लगभग 54.76% का मुनाफा कराया है वहीं इसमें रोज अपर सर्किट लग रहा है. हालांकि इसका शेयर अभी 16.25 रुपये पर बना हुआ है लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के खरीदने के बाद इसके शेयर प्राइस में वृद्धि देखने को मिल सकती है. इसलिए मौजूदा समय में निवेशकों के लिए यह हॉट शेयर है. 

किसके हिस्से में आएगा सिंटेक्स इंडस्ट्रीज?

सूत्रों से पता चला है कि रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल पिनाकिन शाह ने रिलायंस (RIL) और वेलस्पन ग्रुप (Welspun Group) को अनकंडीशनल रिजॉल्यूशन प्लान सौंपने को कहा है. रिलायंस के ऑफर में फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को 2280 करोड़ रुपये का पेमेंट, वर्किंग कैपिटल के लिए 500 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट और वर्कर्स तथा ट्रेड क्रेडिटर्स को 83 करोड़ रुपये का पेमेंट शामिल है. साथ ही मौजूदा इक्विटी को पूरी तरह बट्टे खाते में डालने की बात कही गई है.

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Mukesh Ambani at the forefront of the race to buy the bankrupt company, the banks owe so much
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दिवालिया कंपनी को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे मुकेश अंबानी
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दिवालिया कंपनी को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे मुकेश अंबानी, बैंकों का है इतना बकाया