डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों के मन में लगातार आशंका बनी हुई थी कि इसे भारतीय सरकार द्वारा मंजूरी मिली है या नही. मालूम हो कि बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से होने वाली कमाई पर सरकार 30 प्रतिशत का टैक्स काटेगी. इस बयान के बाद निवेशक जहां यह सोचने लगे थे कि सरकार ने क्रिप्टो को रेगुलेट करने की मंजूरी दे दी है. वहीं अब लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने क्रिप्टो में निवेश को लेकर रेगुलेटरी अथॉरिटी (Regulatory Authority) बनाने की संभावना को खारिज कर दिया है. दरअसल लोकसभा में पूछे गए सवाल पर वित्त राज्य मंत्री ने यह जवाब दिया.
इन्वेस्टर्स को हो सकता है नुकसान
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स को नुकसान हो सकता है. आर्थिक, वित्तीय, कानूनी और सुरक्षा से जुड़े खतरों को लेकर आरबीआई समय-समय पर इन्वेस्टर्स को आगाह करता रहा है.
साथ ही वित्त राज्य मंत्री ने लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित है. उन्होंने कहा "RBI क्रिप्टोकरेंसी जारी नहीं करता है. पारंपरिक कागजी मुद्रा एक कानूनी निविदा है जो कि आरबीआई द्वारा RBI अधिनियम 1994 के प्रावधानों के अनुसार जारी की जाती है. पारंपरिक कागजी मुद्रा के एक डिजिटल वर्जन को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहा जाता है."
1 अप्रैल से क्रिप्टो पर लागू होगा नया नियम
जो लोग क्रिप्टो में निवेश करते हैं सरकार उनके लिए 1 अप्रैल 2022 से नया नियम लागू कर देगी. यानी 1 अप्रैल से क्रिप्टो पर होने वाले मुनाफे पर 30 प्रतिशत टैक्स लगना शुरू हो जाएगा. साथ ही क्रिप्टो के विज्ञापनों पर भी कड़ाई की जायेगी. क्रिप्टो के लुभावने और इन्वेस्टर्स को गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई की जायेगी.
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