डीएनए हिंदी: देश में निवेशकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. यही कारण है कि पिछले वर्ष रिकॉर्ड आइपीओ (IPO) के जरिए कंपनियों की लिस्टिंग हुई थी. वहीं इस वर्ष सबसे महत्वपूर्ण LIC का IPO माना जा रहा है और भारत सरकार इसे लुभावना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वहीं इस IPO के जारी होने की तारीखों को लेकर खबरें हैं कि कंपनी जनवरी महीने के अंत तक दस्तावेज जमा कर सकती है जिसके बाद IPO की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
सरकार कर सफल बनाने के प्रयास
दरअसल, सरकार LIC के IPO के लिए निवेशकों को लुभाने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि कैपिटल मार्केट के नियमों में बदलाव से लेकर फोन में मैसेज भेजने और अखबारों में विज्ञापन देने तक के कदम उठाए गए हैं जिससे इस IPO को सफल बनाया जा सके. ख़बरें हैं कि इस आइपीओ का साइज़ 40 हजार करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है. वहीं यह भी माना जा रहा है कि इससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल भारत सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने में करेगी.
कोविड के कारण हो सकती है देरी
इस IPO को लेकर खबरें हैं कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में इसकी वैल्यू भी पता चल सकती है. हमें यह पता चल जाएगा कि देश का सबसे बड़ा IPO लाने वाली LIC की एम्बेडड वेल्यू (Embedded value) कितनी है और कंपनी कितने शेयर बाजार में उतारने वाली है. वहीं सूत्रों ने यह भी कहा है कि कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते समय में बदलाव संभव है क्योंकि कोविड के दौरान निवेशक IPO में निवेश करने में हिचकिचा सकते हैं.
मार्च तक की है डेडलाइन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस IPO के लिए मार्च अंत तक अपनी डेडलाइन सेट की है. सरकार LIC का 5 या 10 प्रतिशत हिस्सा बेचकर लगभग 10 ट्रिलियन रुपये हासिल करने का उद्देश्य लेकर चल रही है जिससे वो अपने राजकोषीय घाटे को कम कर सके. वहीं सरकार की डेडलाइन्स के अनुसार यह माना जा सकता है कि यह IPO इस वर्ष मार्च तक हर हालत में आ जाएगा जिसका निवेशकों को बेसब्री से इंतजार है.
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