डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी की वजह भारतीय बाजार में लगातार उतार चढ़ाव का दौर जारी थी. वहीं अब यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे जंग ने मार्केट को और भी ज्यादा प्रभावित किया है. अब निवेशकों में इसको लेकर डर है कि कहीं उनका पैसा डूब ना जाए. यहां हम आपके सभी सवालों का जवाब देंगे कि ऐसी हालत में आपको क्या करना चाहिए?

मार्केट में वोलेटिलिटी बनी रहती है

कोरोना महामारी के दौरान बाजार बुरी तरह सहमा था. मार्च 2020 में यानी की एक महीने में ही बाजार 30 से 40 प्रतिशत टूटा था. वहीं सेंसेक्स महज कुछ हफ्तों में गिरकर 25 हजार पर आ गया था. हालांकि एक बार फिर कुछ महीने पहले इसने 62 हजार का स्तर टच किया था. संकट के दौरान निवेशकों को बाजार को टूटते हुए देखकर चिंतित नहीं होना चाहिए. ऐसे समय में निवेश (Investment) बनाए रखना चाहिए.

निवेश को ना तोड़ें

बाजार के इतिहास को ध्यान में रखकर देखें तो बाजार कई आर्थिक ह्रास, जिओपॉलिटिकल क्राइसिस और मंदी देखी हुई है. बाजार गिरता है लेकिन संभलता भी है. यह भी ऐसा ही समय है जब बाजार गिरावट के दौर से गुजर रहा है. हालांकि कुछ समय में बाजार में वृद्धि देखने को मिलेगी. ऐसे में निवेशकों को घबरा कर अपने निवेश को नहीं तोड़ना चाहिए. 

बाजार में फिर छाएगी हरियाली

मार्केट का सेंटीमेंट खराब है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नही है. आपने देखा होगा कि क्राइसिस में बाजार हमेशा वापसी करता है. भारतीय बाजार फिर से कमबैक करेगी.

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Is it right to stay in the market amid the Russia-Ukraine crisis? read here
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Russia-Ukraine संकट के बीच क्या मार्केट में बने रहना सही? पढ़िए यहां
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Russia-Ukraine संकट के बीच क्या मार्केट में बने रहना सही? पढ़िए यहां