डीएनए हिंदी: कोरोना काल में जहां नौकरियां गयीं, व्यापार ठप्प पड़ गए. अब वहीं महंगाई ने लोगों को बड़ा झटका दिया है. आम लोगों को महंगाई ने डबल झटका दिया है. खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई के आंकड़ों ने जनता को हैरान कर दिया है. बता दें कि सोमवार को खुदरा महंगाई में इजाफा हुआ था. वहीं अब मंगलवार को थोक महंगाई के आंकड़े ने भी लोगों को दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर दिया. सरकार की ओर से पेश किये गए आंकड़ों के मुताबिक थोक मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) जहां अक्टूबर में 12.54% थी. वहीं यह नवंबर में बढ़कर 14.23% हो गई. 12 साल के इतिहास में थोक महंगाई अबतक अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
8 महीनों में सबसे अधिक है थोक महंगाई
सरकार की तरफ से जारी किये गए आंकड़ो को देखा जाए तो अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक थोक महंगाई में तेजी देखी गई है. वहीं नवंबर के महीने में खाने-पीने की चीजें पिछले 5 महीने में सबसे अधिक महंगाई के स्तर पर रही हैं. इस दौरान सब्जियों के भाव से लेकर, अंडे और मांस की कीमत में इजाफ़ा देखने को मिला. वहीं ईंधन और बिजली के बास्केट ने भी थोक महंगाई को बढ़ाने में साथ दिया.
थोक महंगाई के बढ़ने की वजह
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को महंगाई में बढ़ोत्तरी पर बताया कि नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर
पिछले साल के नवंबर की तुलना में खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के वजह हैं.
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