डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन के बाद अब चीनी के निर्यात पर भी कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. यह फैसला देश में चीनी की कीमतों में आने वाली बढ़ोतरी को रोकने के लिए लिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कारोबारियों को कहा है कि 1 जून से 31 अक्टूबर के बीच चीनी का निर्यात करने से पहले सरकार से परमिशन लें.
गेहूं के बाद देश में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उसका दाम नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है. डॉरेक्टरेट जनरल ऑफ़ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'चीनी (रॉ चीनी, रिफाइन्ड चीनी और सफेद चीनी) के निर्यात को 1 जून 2022 से सीमित श्रेणी में रखा गया है.'
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100 लाख मीट्रिक टन तक ही होगा निर्यात
अधिसूचना के मुताबिक, 'साल 2021-22 के चीनी के सीजन (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में चीनी की उपलब्धता और कीमतों को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि सिर्फ 100 लाख मीट्रिक टन चीनी का ही निर्यात किया जाएगा.'
इसी अधिसूचना में यह भी कहा गया है, '1 जून 2022 से 31 अक्टूबर 2022 या अगले आदेश तक, चीनी का निर्यात करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फूड ऐंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन से अनुमति लेनी होगी.' हालांकि, यह भी कहा गया है कि CXL और TRQ कैटगरी के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को भेजी जाने वाली चीनी पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
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दुनिया के लिए महंगी होगी चीनी
आपको बता दें कि CXL और TRQ के तहत अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को एक तय मात्रा में चीनी का निर्यात किया जाता है. भारत में पिछले छह साल में पहली बार चीनी के निर्यात पर इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया है.
भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. ऐसे में भारत के इस कदम से दुनिया में चीनी की कीमतों पर फर्क पड़ सकता है.
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मोदी सरकार ने चीनी के निर्यात पर भी लगाया 'प्रतिबंध', जानिए क्या है वजह