डीएनए हिंदी : कोरोना काल के दौरान लोगों के लिए संपत्ति खड़ी करना किसी बड़ी मुसीबत का सबब है. ऐसे में जिनको भी घर खरीदना है उनके लिए बस एक ही साधन है जो कि होम लोन है. ब्याज दरें हमेशा ही एक परेशानी का सबब बनती हैं किन्तु एक सच्चाई ये भी है कि होम लोन के जरिए आप टैक्स में बचतत भी कर सकते हैं और साथ में होम लोन के कारण ही आप की एक बड़ी संपत्ति भी खड़ी हो सकती है.
ऐसे बचता है टैक्स
Home Loan से टैक्स की बचत के लिए सुविधाएं दे रखी हैं. आप इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत हर साल 1.5 लाख रुपए तक के होम लोन के प्रिंसिपल के रीपेमेंट पर टैक्स बचा सकते हैं. ऐसा करने के लिए कई अन्य विकल्प भी हैं. इनमें ईपीएफ और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), यूलिप में निवेश, स्कूल फीस पर टैक्स का फायदा, जीवन बीमा प्रीमियम जैसे साधन भी हैं लेकिन होम लोन बेस्ट इसलिए माना जाता है क्योंकि इसके जरिए आप आसानी से संपत्ति भी बना सकते हैं.
ब्याज से बचेगा इनकम टैक्स
अगर आप 30% इनकम टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आप हर साल 60,000 रुपए बचा सकते हैं, बशर्ते आपका Home Loan इंटरेस्ट आउटगो 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा है. आपके पास जितना कम ब्याज होगा, आपकी टैक्स बचत उतनी ही कम होगी. स्पष्ट है कि यदि ब्याज अधिक होगा तो टैक्स में छूट भी उतनी ही अधिक होगी.
कितने समय का लोन आवश्यक
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि आपको कितनी अवधि का लोन लेना चाहिए. एक उदाहरण के तहत यदि आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और यदि आप 7% वार्षिक ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लेते हैं तो 15 वर्षों में आप कुल कर 5.54 लाख रुपए बचा सकते हैं. दूसरी ओर, अगर आपके पास 30 साल की अवधि के साथ 50 लाख रुपए का होम लोन है, तो इसी तरह की स्थिति में टैक्स सेविंग 13.93 लाख रुपए तक की हो सकती है.
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