डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नवंबर का महीना काफी उथलपुथल भरा रहा. भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाए उन्होंने 30-40 प्रतिशत के घाटे में क्रिप्टोकरेंसी बेच डाले. अचानक से क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में हुए इस बड़े बदलाव की वजह थी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल और बैन लगने की अटकलें लेकिन अब धीरे-धीरे अटकलें दूर होती जा रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने की गुंजाईश खत्म हो चुकी है. फिलहाल सरकार ने इसे करेंसी की जगह एसेट के रूप में मान्यता देने की बात कही है. हालांकि क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाली कमाई पर किस तरह टैक्स वसूला जाएगा अभी इसकी रणनीति तैयार की जा रही है. इसे सेबी द्वारा रेगुलेट किया जाएगा.
शीतकालीन सत्र में पेश होगा क्रिप्टोकरेंसी पर बिल
क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद क्रिप्टोकरेंसी सम्बन्धी बिल शीतकालीन सत्र के तीसरे सप्ताह में पेश किया जाएगा. यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है जो पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है इसलिए इस पर रोक नहीं लगाया जाएगा जबकि RBI और SEBI इसपर जनजागरूकता फैलाने के लिए सही कदम उठा रहे हैं. इस बारे में सरकार जल्द ही एक विधेयक पेश करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी नही होगी बैन
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को एक नियामक ढांचे के तहत लाने का फैसला किया है जिसका एक कानून के तहत डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी का नाम बदलकर क्रिप्टो-एसेट कर दिया जाएगा और इसे सेबी के नियामक दायरे में लाया जाएगा. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश करने के बारे में जारी एक सरकारी अधिसूचना के बाद, बिटकॉइन, शीबा इनु और पोल्काडॉट जैसे अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई.
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