डीएनए हिंदी: देश की इकोनॉमी के आंकड़ें सामन आ चुके हैं. भले ही वित्त वर्ष 2022 की जीडीनी 8.7 फीसदी देखने को मिली हो, लेकिन बीते चार तिमाही के आंकड़ों को देखकर साफ नजर आ रहा है कि स्थिति सामान्य नहीं है. इसका कारण भी है, पहली तिमाही में 20 फीसदी से ज्यादा रहने वाली जीडीपी 4 फीसदी पर आ गई है. इसमें लगातार गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में आईएमडी (IMD) की मॉनसून (Monsoon)को लेकर की गई भविष्यवाणी देश की इकोनॉमी (Indian Economy) के लिए अच्छे संकेत लेकर आई है. आईएमडी का साफ कहना है कि मौजूदा साल में मॉनसून सामान्य से बेहतर रह सकता है. जिसकी वजह से देश में एग्री प्रोडक्शन में इजाफा देखने को मिलेगा. संकेत साफ बता रहे हैं कि देश की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए एक बार फिर से देश एग्रीकल्चर सेक्टर की ओर देख रहा है.
लगातार चौथे साल सामान्य से बेहतर रहेगा मॉनसून
मौसम विभाग के अनुसार इस साल अच्छी बारिश होगी. अभी तक मौसम विभाग सामान्य बारिश का अनुमान लगा रहा था, लेकिन अब इसे सामान्य कैटेगरी की उच्चतम सीमा तक बढ़ा दिया गया है. यह लगातार चौथा साल है, जब मॉनसून सामान्य/सामान्य से ऊपर रहेगा. इससे पहले लगातार चार साल तक ऐसा मॉनसून 2010-13 और 2005-08 तक देखने को मिला था. अच्छा मॉनसून होने का मतलब है ज्यादा अनाज का प्रोडक्शन होगा साथ उसका निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे सरकार की कमाई होगी. मानसून के अच्छा रहने से किसानों के चेहरे पर खुशी आएगी और एग्रीकल्चर सेक्टर में उछाल से देश की इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा. मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार अच्छी बारिश होना देश के एग्रिकल्चर सेक्टर के लिए बहुत अच्छे संकेत है.
Economic Slowdown: दुनिया पर मंडरा रहा है मंदी का खतरा, भारत भी चपेट में आएगा?
एग्रीकल्चर सेक्टर देगा धीमी जीडीपी को रफ्तार का फ्यूल
आईएमडी की भविष्यवाणी से पूरे देश में खेती बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है. जानकारों की मानें तो एग्रीकल्चर सेक्टर में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी. एग्रीकल्चर सेक्टर में बेहतर ग्रोथ देखने को मिल सकती है. जानकारों के अनुसार मॉनसून के लिहाज से किसानों के लिए जून से सितंबर तक का पीरियड काफी अहम होता है. आईएमडी की संभावना जताई है कि मॉनसून सीजन में बारिश लॉन्ग पीरियड एवरेज की करीब 103 फीसदी रह सकती है. इसमें 4 फीसदी कम या ज्यादा बारिश होने का अनुमान है. इससे पहले एलपीए अनुमान को 99 फीसदी के करीब रहने का अनुमान था.
एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री ने टारगेट किया सेट
वहीं दूसरी ओर अच्छे मॉनसून को देखते हुए एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री ने ऑल टाइम हाई प्रोडक्शन का टारगेट सेट किया है. मंत्रालय ने जुलाई 2022-जून 2023 तक के बीच में करीब 328 मिलियन टन फूडग्रेन प्रोडक्शन का टारगेट तय किया है. यह टारगेट जुलाई 2021-जून 2022 के 314 मिलियन टन प्रोडक्शन से करीब 4 फीसदी ज्यादा है.
इकोनॉमी की रीड़ रहा है एग्रीकल्चर सेक्टर
कोविड काल देश के एग्रीकल्चर सेक्टर में काफी अच्छी देखने को मिली है. वित्त वर्ष 2020—21 में देश की इकोनॉमी में एग्रीकल्चर का कंट्रीब्यूशन 20.2 फीसदी देखने को मिला था. उससे एक साल पहले 18.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2018—19 में 17.6 फीसदी की देखने को मिली है. मतलब साफ है कि देश की इकोनॉमी में एग्रीकल्चर सेक्टर का कंट्रीब्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
बेहतर Monsoon से Economy को रफ्तार दे सकता है Agriculture Sector