Gold Price Today in India: सोना-चांदी के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी घटाए जाने की बजट घोषणा के बाद से दोनों धातुओं के दाम में गिरावट लगातार जारी है. शनिवार को भी सोने के दाम घटे हैं और 24 कैरेट गोल्ड अब 7000 रुपये प्रति ग्राम के नीचे ही बिक रहा है. ज्वैलरी बनाने में इस्तेमाल होने वाले 22 कैरेट सोने के दाम 6,299 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गए हैं. उधर, चांदी के दाम भी 84,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए हैं. आइए आपको अलग-अलग शहरों में सोने-चांदी की कीमत के बारे में बताते हैं.
पहले जान लीजिए क्या हुई है बजट में घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को बजट पेश करते हुए सोना-चांदी के इंपोर्ट पर टैक्स घटाने की घोषणा की थी. यह कटौती करीब 9 फीसदी की गई है, जिससे सोना-चांदी पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) अब 15% से घटकर 6% रह गई है. इसका असर इन दोनों कीमती धातुओं के दामों पर सर्राफा बाजार में भी दिखाई दिया है.
क्या हो गए हैं आज अलग-अलग शहरों में सोने के दाम
देश के अलग-अलग सर्राफा बाजार में सोने के दाम भी अलग-अलग हैं. दिल्ली सर्राफा बाजार में आज 22 कैरेट गोल्ड के दाम 63,140 रुपये (प्रति 10 ग्राम) और 24 कैरेट गोल्ड के दाम 68,870 रुपये (प्रति 10 ग्राम हो गए हैं. इसी तरह मुंबई में 62,990 रुपये और 68,720 रुपये, अहमदाबाद में 63,040 रुपये और 68,770 रुपये, चेन्नई में 64,140 रुपये और 69,970 रुपये, कोलकाता में 62,990 रुपये और 68,720 रुपये, पटना में 64,040 रुपये और 68,770 रुपये, जबकि गुरुग्राम, लखनऊ व जयपुर में 63,140 रुपये और 68,870 रुपये पर 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड और 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड बिक रहा है.
देश के कुल आयात में 5 फीसदी है सोना-चांदी की हिस्सेदारी
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के कुल आयात में सोना-चांदी की हिस्सेदारी करीब 5 फीसदी है. चालू वित्त वर्ष में यानी अप्रैल से जून के आखिर तक भारत 45.54 अरब रुपये का सोना और 5.44 अरब रुपये की चांदी इंपोर्ट कर चुका है, जबकि इस दौरान 13.23 अरब डॉलर की ज्वैलरी भारत से बनाकर एक्सपोर्ट की गई है. बता दें कि भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है. यहां हर साल तकरीबन 800 से 900 टन सोने का आयात किया जाता है. साल 2022 में सरकार ने कोरोना काल में आई मंदी से निपटने के लिए सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को 10.75 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया था. देश में अधिकतर सोने की मांग इंपोर्ट के जरिये ही पूरी की जाती है, क्योंकि लोगों के घरों में जाने वाला सोना वापस बिक्री के लिए बाहर आने के चांस बेहद कम होते हैं. इंपोर्ट के इस दबाव के कारण अर्थव्यवस्था में रुपये पर दबाव बढ़ता है और चालू खाता घाटा भी बढ़ता है.
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