डीएनए हिंदी: अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (एपीएसईजेड) लिमिटेड ने पश्चिम बंगाल सरकार की ताजपुर बंदरगाह परियोजना के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है. यक कंपनी देश में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बंदरगाह संचालक कंपनी है. एक आधिकारिक सूत्र ने अडानी ग्रुप के सबसे ऊंची बोली लगाने की पुष्टि की है. कुछ दूसरी कंपनियों ने भी शुरुआत में बोली लगाने में दिलचस्पी दिखाई थी लेकिन आखिरी दौर में एपीएसईजेड और जेएसडब्ल्यू ही शामिल थीं.
अडानी की कंपनी ने लगाई सबसे ऊंची बोली
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम सामने न आने की शर्त पर बताया कि एपीएसईजेड ने इस बंदरगाह परियोजना के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है. अधिकारी ने कहा, 'एपीएसईजेड ने सकल राजस्व के 0.25 प्रतिशत हिस्से की बोली लगाई है जबकि दूसरी कंपनी ने 0.23 प्रतिशत हिस्सेदारी की बोली लगाई थी.' अधिकारी ने कहा कि राजस्व हिस्सेदारी बढ़कर चार प्रतिशत तक हो जाएगी लेकिन वह 99 साल की रियायत अवधि के अंतिम दौर में होगा.
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राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा मंजूरी के लिए
अधिकारी ने कहा कि एपीएसईजेड के सबसे बड़े बोलीकर्ता के रूप में उभरने के बाद एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे राज्य सरकार की अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा. फिलहाल मंजूरी कब तक मिल सकती है, इसकी जानकारी नहीं मिली है.
प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 7,000 करोड़ है
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में स्थित इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 7,000 करोड़ रुपये है. पश्चिम बंगाल सरकार इस परियोजना के पहले चरण को तीन-चार वर्षों में पूरा करने की उम्मीद कर रही है. उसके बाद ही परिचालन शुरू हो पाएगा. एपीएसईजेड ने दो दशक से भी कम समय में अधिग्रहण, निर्माण एवं विकास के जरिये देश के कई बंदरगाहों को अपने नियंत्रण में लिया है. देश की करीब 24 फीसदी बंदरगाह क्षमता अब अडानी समूह के पास है.
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