डीएनए हिंदी: यदि आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं और बचत के लिए पीएफ (Provident Fund) पर निर्भर हैं तो सरकार के नए नियमों के चलते आपको एक अप्रैल से नया झटका लग सकता है. यदि आप EPF में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की बचत करते हैं तो आपके लिए यह खबर ज़रूरी है क्योंकि फिर आपके EPF अकाउंट को दो भागों में बांटा जा सकता है ओर फिर टैक्स भी लगाया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने बदले नियम
दरअसल केंद्र सरकार आयकर के नए नियमों को लागू करने जा रही है. 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा पीएफ अकाउंट को दो भागों में बांटा जा सकता है जिसपर टैक्स भी वसूला जाएगा. पिछले साल अगस्त में केंद्र ने जीपीएफ (GPF) के ब्याज पर टैक्स की गणना के लिए आयकर नियम 1962 में संशोधन किया था. इस निर्देश के मुताबकि, सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू होगा.
खास बात यह है कि नए नियम से छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने अपनी हालिया अधिसूचना में वित्त वर्ष 2021-22 में 5 लाख रुपये से अधिक की जीपीएफ सदस्यता वाले सरकारी कर्मचारियों को "वेतन बिलों से पहले उनके द्वारा अर्जित ब्याज" के बारे में सूचित करने के लिए कहा है. फरवरी 2022 के महीने वेतन और भत्तों से टीडीएस की कटौती के लिए तैयार हैं.
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1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम
नए आदेश के मुताबिक पांच लाख रुपए से ऊपर जीपीएफ कटवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के ब्याज पर टैक्स लगेगा. सरकार ने इनकम टैक्स (25 संशोधन) नियम 2021 लागू कर दिया है. इससे जीपीएफ में अधिकतम टैक्स मुफ्त योगदान की सीमा 5 लाख लागू हो गई है. अगर इसके ऊपर कर्मचारी ने कटौती कराई तो ब्याज आय को इनकम माना जाएगा. जानकारों के मुताबिक सरकार के इस नए नियम के बाद एक अप्रैल से करीब 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को टैक्स देना होगा.
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