डीएनए हिंदी: कोविड महामारी (Covid-19) के कारण रोकथाम के चलते निजी से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने अपने दफ्तर बंद कर दिए थे और सभी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे थे लेकिन अब जब कोविड पर लगभग काबू पाया जा चुका है तो वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) खत्म हो चुका है. कंपनिया अपने कर्मचारियों को वापस काम पर बुला रही हैं. ऐसे में कई कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम को ही वरीयता दे रहे हैं और घर से ही काम करने के लिए नौकरी तक छोड़ने को तैयार हैं.
काम पर ऑफिस आने की घोषणा
दरअसल, लगभग सभी कंपनियों ने फिर से अपने दफ्तरो को खोलने का ऐलान करने की बात कह दी है. इसके चलते कंपनिया कर्मचारियों को काम पर वापस आने के लिए विवश कर रही हैं ऐसी स्थिति में कुछ इंप्लाई काम तक छोड़ने की बात करने लगे हैं. खास बात यह है कि कई कर्मचारी ज्यादा पैसे देने के बावजूद दफ्तर से काम करने को तैयार नहीं हैं.
सीआईईएल एचआर सर्विसेज (CIEL HR Services) की ओर से किए एक गए सर्वे में यह पता चला है. सर्वे में शामिल 60 फीसदी कर्माचारियों ने ऑफिस जाकर काम करने की बजाय नौकरी छोड़ना बेहतर समझा है. यह कंपनियों के लिए काफी बड़े झटके की तरह है. यहां तक कि वर्क फ्रॉम होम (WFH) के लिए उन्होंने वर्क फ्रॉम ऑफिस (WFO) की ज्यादा सैलरी की पेशकश को भी ठुकरा दिया. सीआईईएल एचआर सर्विसेज भर्ती और स्टाफिंग फर्म है.
क्या हैं कर्मचारियों के तर्क
इस सर्वे में शामिल कर्मचारियो ने वर्क फ्रॉम होम के विकल्प के लिए कई कारण गिनाए हैं. इनमें से ज्यादातर ने माना कि इससे उनकी कार्य क्षमता प्रभावित हुए बिना काम और जीवन का बेहतर संतुलन बना है. सर्वे में आईटी, आउटसोर्सिंग, टेक स्टार्टअप, कंसल्टिंग, बीएफएसआई सहित कारोबार सक्षम क्षेत्र की 620 कंपनियों के 2,000 कर्मचारियों को शामिल किया गया था.
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सर्वे के मुताबिक इनमें से 40 फीसदी कंपनियों के कर्माचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वहीं 26 फीसदी हाइब्रिड (WFH and WFO) मोड में हैं. सके अलावा सभी पूरी तरह कंपनियों के कर्मचारी पूरी तरह से ऑफिस से काम करते हैं. उनका वर्क फ्रॉम होम खत्म हो चुका है.
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