डीएनए हिंदी: भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून में से एक धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) को 6 जुलाई, 2002 को एक बड़ा स्ट्रोक आने के बाद अपनी जान गंवानी पड़ी थी. अंबानी को 24 जून 2002 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एक बड़ा स्ट्रोक अटैक के बाद भर्ती कराया गया था. बता दें कि यह उनका दूसरा स्ट्रोक था, पहला फरवरी 1986 में हुआ था जिसके बाद उनके दाहिने हाथ को लकवा मार गया था. वह एक सप्ताह से अधिक समय से कोमा में थे और कई डॉक्टरों से कंसल्ट किया गया था.
अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की जिसे उन्होंने 1977 में पब्लिक किया और उनकी मृत्यु के बाद 2002 में इसकी कीमत 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.
2016 में, उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया, जो व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.
धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) की उद्यमशीलता की यात्रा तब शुरू हुई जब अदन (Aden) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण उनका परिवार मुंबई स्थानांतरित हो गया. 1958 के आसपास भारत लौटने के बाद, परिवार शुरू में तत्कालीन बॉम्बे के भुलेश्वर पड़ोस में एक चॉल में रहा. आइए जानते हैं धीरूभाई अंबानी की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से.
- उन्होंने गुजरात के गिरनार पर्वत पर तीर्थयात्रियों को चाट-पकौड़ा बेचकर अपने पहले बिजनेस की शुरुआत की.
- धीरूभाई अंबानी केवल 17 वर्ष के थे, जब वे अदन (Aden) के तत्कालीन ब्रिटिश उपनिवेश (British colony) में चले गए, जहां उनके भाई काम कर रहे थे. उन्होंने ए. बेसे एंड कंपनी (A. Besse & Co.) में एक क्लर्क के रूप में काम किया और इस दौरान उन्हें केवल 300 रुपये प्रति माह का वेतन मिलता था.
- वह अपनी कंपनी का नाम अक्सर बदल-बदल कर रखते थे. पहले उन्होंने अपनी कंपनी का नाम रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन (Reliance Commercial Corporation) रखा और फिर इसका नाम बदलकर रिलायंस टेक्सटाइल्स प्राइवेट (Reliance Textiles Pvt. Limited) कर दिया और अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) कर दिया.
- धीरूभाई अंबानी ने 1977 में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की स्थापना की. रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन का पहला कार्यालय मस्जिद बंदर में नरसिनाथ स्ट्रीट (Narsinatha Street) पर स्थापित किया गया था. यह एक टेलीफोन, एक मेज और तीन कुर्सियों के साथ 350 वर्ग फुट (33मी2) का कमरा था.
- उनके नेतृत्व में, रिलायंस इंडस्ट्रीज पहली भारतीय निजी स्वामित्व वाली कंपनी बन गई, जिसे अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों जैसे एसएंडपी (S&P), मूडीज (Moody’s) ने रेटिंग दी.
- धीरूभाई अंबानी को केमटेक फाउंडेशन और केमिकल इंजीनियरिंग वर्ल्ड (Chemtech Foundation and Chemical Engineering World) द्वारा मैन ऑफ द सेंचुरी पुरस्कार (Man of the Century award) से सम्मानित किया गया. उन्हें 2001 में लाइफटाइम उपलब्धि के लिए कॉर्पोरेट उत्कृष्टता के लिए द इकोनॉमिक टाइम्स पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
- धीरूभाई अंबानी पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsylvania) के व्हार्टन स्कूल डीन मेडल प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने. उन्हें एशिया वीक पत्रिका द्वारा 'पावर 50 - एशिया के सबसे शक्तिशाली लोगों' (Power 50 - the most powerful people in Asia) की सूची में भी शामिल किया गया था.
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Dhirubhai Ambani Death Anniversary: आखिर क्यों धीरुभाई अंबानी बदलते रहते थे अपनी ही कंपनी का नाम