डीएनए हिंदी: किसी अन्य देश की तुलना में भारत में क्रिप्टोकरेंसी की दीवानगी में तेजी देखी जा सकती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में क्रिप्टो क्लब में दस करोड़ से ज्यादा निवेशक शामिल हो चुके हैं. कई शोध रिपोर्ट्स का भी दावा है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में सबसे अधिक क्रिप्टो निवेशक हैं. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में बढ़ते निवेश को देखते हुए सरकार इसे लेकर चिंतित है और इसे बैन करने पर भी काफी सोच-विचार कर रही है.
RBI ने लगाई थी रोक
आरबीआई (RBI) ने 6 अप्रैल 2018 को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेन-देन पर रोक लगा दी थी. उसने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टोकरेंसी में डील न करने के निर्देश दिए थे. साथ ही यह भी कहा था कि इसके लेन-देन के लिए कोई प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं करवाए जाएं. इसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) द्वारा वित्तीय, लीगल और सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दों को खतरा होने की बात कही गई थी.
RBI ने प्रतिबंध को हटाया
2018 में रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में बैन लगा दिया था लेकिन फिर सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में इस प्रतिबंध को हटाने का फैसला दिया. इसके बाद 2021 में आरबीआई (RBI) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा समर्थित इस प्रतिबंध को हटा लिया.
क्रिप्टो गतिविधियों को जारी रखने के लिए वित्त मंत्रालय को देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी हुई गतिविधियों को नियमित करने सम्बन्धी एक बिल तैयार करने का काम सौंपा गया है. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद तैयार कर रही हैं.
2021 में क्रिप्टो सुर्ख़ियों में कब-कब छाया रहा
कयास लगाया जा रहा था कि साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कोई ठोस कानून लाया जाएगा लेकिन इस पर अब तक कोई खास कदम नहीं उठाया गया है. हालांकि इस बार के बजट में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार क्रिप्टो पर कोई कानून जरूर लाएगी.
यह भी पढ़ें:
Loans Against Shares: अब आसानी से ऑनलाइन मिलेगा, यह है तरीका
सितंबर 2021: अधिकारियों के बीच क्रिप्टो आय पर टैक्स लगाने के बारे में बातचीत
पिछले साल संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो बिल पर कोई घोषणा नहीं हुई थी, हालांकि वित्त मंत्रालय ने सितंबर 2021 में इस पर विश्लेषण करने के लिए एक नई समिति का गठन किया था. इस समिति का मुख्य काम यह निर्धारित करना था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कैसे टैक्स (Tax) लगाया जाएगा और किस तरह इसे देश में रेगुलेट कर सकते हैं. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने अपना विश्लेषण प्रस्तुत करने के लिए इस पैनल को चार हफ़्ते का समय दिया था लेकिन कुछ खास निकलकर सामने नहीं आया.
15 नवंबर 2021: सरकार ने क्रिप्टो बाजार पर चर्चा करने के लिए इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स को आमंत्रित किया
पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र से पहले संसदीय स्थायी समिति ने शीर्ष क्रिप्टो बेनेफ़िशरी को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया. 15 नवंबर 2021 को होने वाली इस बैठक के एजेंडे को 'क्रिप्टोफाइनेंस: अवसर और चुनौतियां' के रूप में लिस्ट किया गया था. इसका हिस्सा बनने के लिए कॉइनस्विच कुबेर (Coinswitch), कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX), वज़ीरएक्स (WazirX), और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) सहित कई क्रिप्टो-आधारित कंपनियों के प्रतिनिधियों से सलाह ली गयी थी.
24 नवंबर 2021: क्रिप्टो बिल संसदीय एजेंडा क्रैशिंग प्राइस चार्ट पर सूचीबद्ध किया गया
24 नवंबर को भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने की संभावनाओं को संसद के समक्ष पेश किए जाने वाले आधिकारिक एजेंडे के रूप में उभरने के बाद क्रिप्टो बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. बिल में देश में 'निजी क्रिप्टोकरेंसी' के संचालन पर रोक लगाने का प्रस्ताव था. गौरतलब है कि इस बिल में किसी भी तरह का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था कि कौन सा क्रिप्टो निजी होगा. CNBC की एक रिपोर्ट ने निजी क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण के तौर पर मोनेरो, पार्टिकल, डैश और ज़कैश का नाम दिया था. वहीं बिटकॉइन (Bitcoin) और ईथर (Ether) सहित लोकप्रिय क्रिप्टोकॉइन्स को सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी के तहत वर्गीकृत किया गया था.
शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पांच दिन पहले यानी 29 नवंबर को एजेंडे में यह भी कहा गया कि सरकार देश के लिए एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा लाना चाहती है.
30 नवंबर 2021: निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो बिल पर नया अपडेट दिया
राज्यसभा में कई सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद क्रिप्टो बिल सदन में पेश किया जाएगा. सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार लोगों को लगातार आगाह कर रही है कि क्रिप्टोकरेंसी एक "उच्च जोखिम" वाला क्षेत्र है इसलिए इसमें निवेश करने से बचें. इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि बिल में बिटकॉइन को रेगुलेट करने का प्रस्ताव नहीं था.
यह भी पढ़ें:
SBI ने IMPS के नियमों में किया बदलाव, ग्राहकों के जेब पर पड़ सकता है भारी
7 दिसंबर 2021: क्रिप्टो बिल के बारे में अधिक जानकारी सामने आई
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टो बिल (Crypto Bill) में डिजिटल मुद्राओं पर 'मीडियम ऑफ एक्सचेंज, मूल्य का भंडार और यूनिट ऑफ अकाउंट' के रूप में 'किसी भी व्यक्ति द्वारा खनन, उत्पादन, धारण, बिक्री, (या) लेनदेन की सभी गतिविधियों पर सामान्य प्रतिबंध' का सुझाव दिया गया है. इन नियमों में से किसी का भी उल्लंघन करने पर 'गैर-जमानती' आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है.
23 दिसंबर 2021: संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल पर कोई बात नही हुई
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सरकार इस बारे में अभी जानकारी ले रही है कि दूसरे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को कैसे रेगुलेट (Cryptocurrency Regulation) किया जा रहा है. हालांकि कैबिनेट से मंजूरी की प्रतीक्षा में क्रिप्टो बिल पर पिछले साल भी संसद में कुछ सुनने को नहीं मिला था.
भारत में क्रिप्टो कानून
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण 2021-2022 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस दौरान बजट में क्रिप्टो बिल की बात हो भी सकती है और नहीं भी. फ़िलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
क्रिप्टो के लेन-देन के बारे में सरकार को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल पाती है और सरकार को चिंता है कि इसका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों मसलन आतंकी फंडिंग में किया जा सकता है. इन सारे पहलुओं पर गौर करते हुए यह अवश्य नज़र आता है कि क्रिप्टो पर सरकार का नियंत्रण हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी समय-समय पर अन्य देशों से क्रिप्टो-संबंधी चिंताओं से निबटने के लिए नियत दिशा में सोचने की अपील की है.
इस बीच क्रिप्टो (Crypto), ब्लॉकचैन-आधारित क्षेत्र जैसे एनएफटी (NFT) को भी लेकर भारतीयों में रुचि देखने को मिल रहा है.
यह भी पढ़ें:
Cryptocurrency : सिक्युरिटीज़ रेगुलेटर्स ने जताई चिंता, कहा- क्रिप्टो घोटाला निवेशकों के लिए है ख़तरा
- Log in to post comments
Cryptocurrency: संसद के बजट सत्र से पहले जानें कब-कब क्रिप्टो सुर्ख़ियों में छाया