डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के निवेशकों में कुछ समय पहले डर बैठ गया था कि अगर सरकार द्वारा इसे बैन कर दिया गया तो उनके पैसे डूब जाएंगे. इसके बैन होने के इतिहास पर थोड़ा पीछे जाएं तो साल 2018 में RBI ने इसपर बैन लगाया था. हालांकि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर से बैन हटाने का फैसला दे दिया था. मंगलवार को पारित हुए आम बजट में 30% टैक्स के साथ सरकार ने क्रिप्टो निवेश और आय को एक तरह की मान्यता दी.
भारत में क्रिप्टो के निवेशक
सभी देशों के क्रिप्टो निवेशकों की अगर भारत के क्रिप्टो निवेशकों से तुलना की जाए तो आप पाएंगे कि हमारे देश में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं. 1 करोड़ डॉलर के कुल वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ट्रान्सफर का 42% भारत से हुआ है. यह आंकड़ा किसी भी दूसरे देश से अधिक है. माना जाता है कि इस निवेश में ब्लैक, वाइट हर तरह के पैसे शामिल हैं. कुछ समय पहले जो आंकड़े आए थे उनके मुताबिक भारत में अब तक 6 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है. कुछ रिपोर्ट 10 लाख करोड़ की बात भी करते हैं.
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लंबे समय से सरकार क्रिप्टो पर बिल लाने का कर रही थी विचार
साल 2021 से सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाने पर विचार कर रही थी. इस बिल को 'क्रिप्टो बिल' के नाम से भी जाना जाता है. पहले इस बिल को शीतकालीन सत्र में लाया जाना था.
ध्यान रहे सरकार ने क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम परेशानियों के चलते इसे पेश नहीं किया था. हालिया पारित हुए बजट में सरकार ने इस पर 30% का टैक्स लगाया है. सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ने इसे अब कानूनी कर दिया है? इसे क्रिप्टो के लीगल रेगुलेशन के प्रति शुरुआत जरुर मानी जा सकती है पर आने वाले दिनों में देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है. पूरी बात तब ही साफ़ हो पाएगी.
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Cryptocurrency: 30% टैक्स के बाद आगे क्या है क्रिप्टो का भविष्य?