डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच क्रूड ऑयल (Crude Oil) के दामों में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में संभावनाएं हैं कि देश में पेट्रोल-डीजल के दामों (Petrol-Diesel Price) में 15-20 रुपये की बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं. ऐसे में लोगों को प्रतिदिन डर रहता है कि शाम तक तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है और इसके चलते लोग पेट्रोल-डीजल की टंकी फुल कराते हैं. इस प्रकरण के बीच इन तेलों की बिक्री में भारी बढ़ोतरी हुई है.
चुनावों के बाद दाम बढ़ने की आशंका
दरअसल, तेल के दामों के बढ़ने की आशंका के बीच आम जनता के साथ-साथ डीलर भी अपने टैंक भरवा रहे हैं. उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के चलते ईंधन की कीमतों में वृद्धि को रोका गया था लेकिन माना जा रहा है कि अब परिणाम आ जाने के बाद कीमतों में वृद्धि होने का अनुमान थे.
बिक्री में हुई बढ़ोतरी
बिक्री को लेकर नए आंकड़े सामने आए हैं और इन आंकड़ों से पता चलता है कि सरकारी ईंधन विक्रेताओं की ओर से की गई पेट्रोल बिक्री एक से 15 मार्च के दौरान 12.30 लाख टन रही. यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में हुई बिक्री से लगभग 18 फीसदी ज्यादा रही है. वहीं, साल 2019 के मुकाबले पेट्रोल की बिक्री 24.3 फीसद अधिक रही.
देश में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले ईंधन की बिक्री में में 23.7 फीसदी का इजाफा हुआ है. एक से 15 मार्च के बीच 35.30 लाख टन डीजल बिका। साल 2019 में इसी अवधि में बेचे गए डीजल के मुकाबले यह 17.2 फीसदी ज्यादा है। 2020 के मुकाबले 33.5 फीसदी अधिक डीजल बिका है.
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लंबे वक्त से नहीं बढ़ें दाम
आपको बता दें कि कच्चे तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में तेजी के साथ बढ़ रहे है लेकिन घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दामों में 132 दिनों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. वहीं तेल कंपनियों पर इसका विशेष दबाव भी पड़ रहा है जिसके चलते संभावनाएं हैं कि कभी भी पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है.
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