डीएनए हिंदी: केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ABG शिपयार्ड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है. ABG शिपयार्ड पर 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में FIR दर्ज की गई है.
कौन-कौन घोटाले में शामिल है?
CBI ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफे परेड, कोलाबा मुंबई ब्रांच के डीजीएम बालाजी सिंह समानता की शिकायत पर मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, मगदला विलेज, ऑफ डुमास रोड, सूरत, गुजरात कंपनी, ऋषि कमलेश अग्रवाल, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, गारंटर संथानम मुथास्वामी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्वनी कुमार, डायरेक्टर सुशील कुमार अग्रवाल, डायरेक्टर रवि विमल निवेदिता, डायरेक्टर मेसर्स एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और अज्ञात सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, चीटिंग, क्रिमिनल बीच ऑफ ट्रस्ट, पोस्ट का दुरुपयोग करके कॉन्सॉर्टियम ऑफ बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ई स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ( मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ), ई स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) जिसे आईसीआईसी बैंक लीड कर रहा था, उन्हें कुल 22,842 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है.
क्या करती है ABG शिपयार्ड?
कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है. इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित है. कंपनी भारत में कॉमर्शियल और सरकारी कस्टमर्स की सेवा करती है.
कब शुरू हुआ था यह मामला?
बैंक ने 8 नवंबर 2019 को सबसे पहले ABG शिपयार्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. इसपर CBI ने 12 मार्च 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था. बैंक ने उसी साल फिर से नई शिकायत दर्ज कारवाई. डेढ़ साल से ज्यादा समय तक 'जांच' करने के बाद CBI ने 7 फरवरी 2022 को FIR करने वाली शिकायत पर कारवाई की.
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Biggest Banking Fraud: ABG शिपयार्ड ने लगाया 22,842 करोड़ का चूना, FIR दर्ज