डीएनए हिंदी: बैंक ऑफ बड़ौदा के कस्टमर्स के लिए एक खास खबर है. 1 फरवरी से बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी चेक पेमेंट में बदलाव कर दिया है. देश के दूसरे सबसे बड़े कर्जदाता बैंक ने इस बारे में अपने अकाउंट होल्डर्स को एक SMS भेजा है. बैंक ऑफ बड़ौदा कहता है "आरबीआई के निर्देश के मुताबिक 01.02.2022 से Rs.10 लाख और उससे ज्यादा के जारी किए गए चेक के लिए पॉजिटिव पे (CPPS) मैकेनिज्म अनिवार्य होगा."
10 लाख से ज्यादा के चेक पर नियम लागू
पॉजिटिव पे सिस्टम फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (Centralised Positive Pay (CPPS) System) में किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अनचाहे ट्रांजैक्शन से बचने के लिए बनाया गया है. इसके तहत बैंक 10 लाख या उससे ज्यादा के अमाउंट के चेक के डिटेल्स को वेरीफाई करते हैं. इन डिटेल्स में इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन जैसे चेक नंबर, अमाउंट और अकाउंट नंबर की जांच की जाती है जिसके बाद यह प्रक्रिया पूरी होती है.
चेक डिटेल्स की दोबारा होगी जांच
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) को अब अपने कुछ सबसे इम्पोर्टेन्ट चेक डिटेल्स इलेक्ट्रॉनिक के जरिए भेजने होंगे. ऑथेंटिकेशन के बाद ही चेक क्लियर किया जाएगा. इसके अलावा चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम (CTS) के जरिए दी गई इनफार्मेशन को दुबारा चेक किया जाएगा.
इस सर्विस का इस्तेमाल 50 हजार रुपये और उससे ज्यादा अमाउंट को जेनरेट करने वाले कस्टमर्स भी कर सकेंगे. हालांकि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहले बैंक से परमिशन लेनी जरूरी होगी. अकाउंट यूजर्स को इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए आप्शन मिलेगा. वहीं अगर कोई कस्टमर 5 लाख से ज्यादा अमाउंट का चेक के जरिए ट्रांजैक्शन करते हैं तो उनके लिए यह अनिवार्य हो सकता है. फिलहाल बैंक इसपर विचार कर रही है.
चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम (CTS) ग्रिड डिस्प्यूट के तहत सिर्फ उन्ही चेक को एक्सेप्ट किया जाएगा जो इन गाइडलाइन्स का पालन करेंगे. RBI ने सितंबर में इसपर एक सर्कुलर भी जारी किया था.
यह भी पढ़ें:
DNA एक्सप्लेनर: गाड़ियों और डिजिटल डिवाइस के लिए क्यों जरूरी है semiconductor chip, क्यों आई कमी और क्या है इसका भविष्य?
- Log in to post comments
Bank of Baroda: ये रुल फ़ॉलो न करने पर बाउंस हो सकता है चेक, RBI का नया नियम