डीएनए हिंदी: एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) की ओर से आज वर्चुअल डिजिटल एसेट के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी. क्रिप्टो विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर लंबे समय से सरकार के साथ चर्चा की जा रही थी. नई गाइडलाइन के लिए तहत, क्रिप्टो विज्ञापनों को ग्राहकों को स्पष्ट तौर पर निवेश से जुड़े जोखिमों की जानकारी देनी होगी.
निवेश से जुड़े जोखिम बताना जरूरी
एएससीआई की जनरल सेक्रेटरी मनीषा कपूर ने कहा कि क्रिप्टो विज्ञापनों के साथ रिस्क की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ग्राहकों को किसी भी तरह के भ्रामक दावों से दूर रखा जाए. साथ ही मुनाफे के बढ़ा-चढ़ाकर किए जाने वाले दावों पर भी सचेत किया जा सके. बता दें कि देश में विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए एएससीआई एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी है.
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बजट में किया गया है बड़ा बदलाव
बजट 2022 में सबसे ज्यादा चर्चा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को लेकर ही हुई है. बजट में प्रस्ताव किया गया है कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की बिक्री/ट्रान्सफर से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रान्सफर के दौरान एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) भी लगेगा.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज नियंत्रित करने की मांग होती रही है
बता दें कि मनीषा कपूर ने पहले भी कहा था कि एएससीआई के मौजूदा नियमों के तहत यह जरूरी है कि विज्ञापनों में ईमानदारी से सच दिखाया जाए. कम जानकारी वाले उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विज्ञापन नहीं होने चाहिए. टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान, अनुमान है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने टीवी और सोशल मीडिया चैनलों पर 50 करोड़ से ज्यादा के विज्ञापन दिए थे. इन विज्ञापनों में बॉलीवुड के बड़े स्टार्स ने काम किया था. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को नियंत्रित किए जाने की मांग लंबे समय से हो रही थी.
इनपुट: ओरिन बासु
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