डीएनए हिंदी: फ्यूचर रिटेल और अमेज़न का विवाद काफी समय से चल रहा है. इस बारे में आज फ्यूचर रिटेल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि “अमेज़न हमें नष्ट करना चाहता था और यह सफल रहा. हम अधर में लटके हुए हैं. इसकी वजह से अब हमारे साथ कोई बिजनेस नहीं करना चाहता है. 1,400 करोड़ रुपये के सौदे के लिए अमेज़न ने 26,000 करोड़ रुपये की कंपनी को बर्बाद कर दिया है. अमेज़न जो करना चाहता था वह उसने कर दिखाया.
बता दें कि अमेज़न इंक और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के बीच बातचीत और अदालत के बाहर समझौता करने का मसौदा विफल रहा. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने पिछले महीने किशोर बियाणी के नेतृत्व वाले समूह के सैकड़ों स्टोरों पर अनैतिक कब्जा कर लिया था. बियाणी ने कहा था कि 4,800 करोड़ रुपये तक का किराया बढ़ रहा है. फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं अमेज़न ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स को सरेंडर करने पर आपत्ति जताई है.
फ्यूचर रिटेल के खाते फ्रीज
फ्यूचर रिटेल ने कहा कि हमारे अकाउंट से कोई भी पेमेंट नहीं की जा सकती है क्योंकि एनपीए वर्गीकरण के कारण उन्हें फ्रीज कर दिया गया है. उधर अमेज़न ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा कि जब तक मामला आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल द्वारा तय नहीं किया जाता है फ्यूचर की प्रॉपर्टी को अलग करने के कदम को रोकना चाहिए.
अमेज़न का तर्क
अमेज़ॅन ने तर्क दिया है कि फ्यूचर यूनिट के साथ 2019 के सौदे में फ्यूचर समूह को "प्रतिबंधित व्यक्तियों" की सूची में किसी को भी अपनी खुदरा संपत्ति बेचने से रोकने वाले खंड शामिल थे, जिसमें रिलायंस भी शामिल था. कंपनी फ्यूचर रिटेल की संपत्ति को सरेंडर करने पर भी आपत्ति जता रही है.
बहरहाल अमेज़ॅन ने सफाई देते हुए कहा कि फ्यूचर का दावा है कि यह पैसे की कमी है और लीज रेंटल का भुगतान नहीं कर सकता है. यह एक दिखावा है.
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''Amazon ने हमें बर्बाद कर दिया'', फ्यूचर रिटेल ने SC में लगाया आरोप