डीएनए हिंदी: देश में एक ऐसा वर्ग है जो कि आज भी एजेंटों के जरिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) में यात्रा के लिए टिकट करवाता है लेकिन अकसर इन लोगों के साथ धोखाधड़ी हो जाती है. इसके चलते यात्रियों के पैसे भी चले जाते हैं और उन्हें टिकट भी नहीं मिलता है. वहीं इन अवैध एजेंटों और धोखेबाजों के खिलाफ भारतीय रेलवे ने अब सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.
पश्चिम रेलवे चला रहा है अभियान
दरअसल, रेलवे का प्रमुख जोन माने जाने वाले पश्चिम रेलवे ने हाल ही में अवैध तरीके से टिकट बुक करने वाले और यात्रियों से ज्यादा पैसा लेने वाले एजेंटों पर सख्त कार्रवाई की है. इस मामले में पश्चिम रेलवे के सुरक्षा बलों की तरफ से छह मंडलों में प्रतिदिन विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. पश्चिम रेलवे ने इस मामले में बताया, “आम लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है. IRCTC के जरिए किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा जब टिकट बुक की जाती है, तब उन्हें अलर्ट रहने की आवश्यकता है.”
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति में धोखेबाजों के खिलाफ चलाए जा रहे मिशन के संबंध में बताया, “पश्चिम रेलवे के RPF ने दलालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के लिए आरपीएफ अपराध शाखा, साइबर सेल और डिवाइजनों की डिटेक्टिव जासूस विंग से समर्पित कर्मचारियों की विशेष टीमों का गठन किया था.”
पश्चिम रेलवे के अधिकारी ने बताया, “यह पाया गया कि दलाल कई फर्जी आईडी का उपयोग करके टिकट बुक कर रहे थे जिनमें कुछ अधिकृत IRCTC एजेंट भी शामिल थे जिन्होंने टिकट जारी करने के लिए फर्जी आईडी और अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था.”
अपराधियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई
गौरतलब है कि पश्चिम रेलवे ने अपने अभियान के जरिए अब तक लगभग 2.15 करोड़ रुपये के ई-टिकटों तथा यात्रा-सह-आरक्षण टिकटें बरामद की हैं. आपको बता दें कि इन अवैध एजेंटों पर भारतीय रेल के अधिनियम की धारा 143 के अंतर्गत आने वाले कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है. यह कार्रवाई रेलवे सुरक्षा बलों की तरफ से की जाती है. इसके चलते अब पकड़े गए लोगों पर कार्रवाई की जा रही है.
पश्चिम रेलवे के इस अभियान के बाद एक बार फिर यह मुद्दा बड़ा हो गया है कि एजेंटों से टिकट बुकिंग के दौरान लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि जरा सी लापरवाही आपकी यात्रा में व्यवधान उत्पन्न कर सकती है.
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