Who is Jyoti Bansal: भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन ज्योति बंसल को आज भी वो दिन याद है, जब उन्हें अपनी जिंदगी का सबसे कठिन निर्णय लेना पड़ा था. साल 2017 में ज्योति ने अपने सॉफ्टवेयर स्टार्टअप AppDynamics को अरबों डॉलर में बेच दिया था. इससे बंसल तो अरबपति बने ही थे, लेकिन इस फैसले ने उनके सैकड़ों कर्मचारियों की भी किस्मत पलट दी. उनके 400 कर्मचारी इस फैसले से एक झटके में करोड़पति बन गए, जिससे उन सभी का फाइनेंशियल रिस्क पूरी जिंदगी के लिए खत्म हो गया. हालांकि अपने कर्मचारियों की जिंदगी इस तरह बदलने से खुश ज्योति आज भी कंपनी बेचने के उस फैसले को अपनी जिंदगी का सबसे 'दुखद लम्हा' मानते हैं. क्या थी ज्योति बंसल की वो डील और क्यों वे आज भी इसे लेकर दुखी हैं, चलिए हम बताते हैं.
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ज्योति बंसल 46 साल के भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन व इनोवेटर हैं, जो 20 से ज्यादा अमेरिकी पेटेंट के लीड इन्वेंटर हैं. बंसल ने IIT Delhi से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. इसके बाद वे अमेरिका चल गए और वहां सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में अपना भाग्य आजमाने लगे.
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ज्योति बंसल ने 2017 में अपने स्टार्टअप AppDynamics को उसका IPO रिलीज होने से महज कुछ दिन पहले अचानक बेच दिया था. AppDynamics के फाउंडर और तत्कालीन चेयरमैन ज्योति ने Cisco को अपनी कंपनी 3.7 अरब डॉलर में बेची थी. इस एक फैसले ने उन्हें बेहद चर्चित बना दिया था.
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ज्योति ने CNBC Make It को दिए इंटरव्यू में यह बताया है कि किस तरह उनके कंपनी बेचने के फैसले ने 400 कर्मचारियों को एक झटके में करोड़पति बना दिया. उन्होंने कहा,'मैंने अपने सभी कर्मचारियों को कंपनी के शेयर दे रखे थे. उन लोगों ने रात-दिन कंपनी को आगे बढ़ाने में मेरे साथ मेहनत की थी. कंपनी बेचते ही उन लोगों के शेयर्स की कीमत 10 लाख डॉलर तक पहुंच गई. कुछ कर्मचारियों के पास तो 50 लाख डॉलर तक की कीमत के शेयर थे. यह जिंदगी बदल देने वाली रकम है. इस कारण कंपनी को बेचना उनके कर्मचारियों के लिए सही कदम था.'
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ज्योति बंसल ने बताया कि सिस्को का प्रस्ताव स्वीकार करने से पहले उन्होंने कई एंगल से सोचा था. इसमें यह भी शामिल था कि इस सौदे से मेरे 1,200 कर्मचारियों पर किस तरह का प्रभाव पड़ेगा. सिस्को के 3.7 अरब डॉलर की तुलना अपनी कंपनी के संभावित IPO मूल्य से भी की. हमने अनुमान लगाया कि कंपनी को पब्लिक मार्केट में 3.7 अरब डॉलर की वैल्यू तक पहुंचने से पहले लगातार 3-4 साल मजबूत परफॉर्मेंस करनी होगी. यह सब आकलन लगाने के बाद ही प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई गई थी. सबसे बड़ी बात थी कि इस फैसले से हमने सभी कर्मचारियों के लिए भविष्य के संभावित वित्तीय जोखिम को खत्म कर दिया था. यही सबसे बड़ी बात थी.
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ज्योति बंसल ने यह भी कहा कि मेरा मानना था कि मैं कंपनी को आगे बढ़ा सकता हूं. इस कारण शुरुआत में मुझे मेरे फैसले पर पछतावा भी हुआ था, लेकिन यही सही कदम था. इससे मुझे अन्य कंपनियों पर ध्यान लगाने का मौका मिला. संस्थापक के तौर पर इस सौदे से मिला पैसा मेरी जिंदगी बदलने वाला था, लेकिन सबसे बड़ा फैक्टर हमारे कर्मचारी ही थी. यह बिक्री अपने से ज्यादा उनके वित्तीय लाभ के लिए थी.
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ज्योति ने AppDynamics को बेचने के बाद सॉफ्टवेयर डिलीवरी कंपनी हार्नेस, वेंचर कैपिटल फर्म अनयूजुअल वेंचर्स और एपीआई सुरक्षा स्टार्टअप ट्रेसेबल एआई की शुरुआत की थी. फिलहाल वे ट्रेसेबल और हार्नेस के सीईओ और को-फाउंडर हैं. उनका सबसे नया स्टार्टअप हार्नेस साल 2022 में 3.7 अरब डॉलर वैल्यू का आंका गया था.
Short Title
कौन हैं Jyoti Bansal, जिन्होंने कंपनी बेचकर अपने 400 कर्मचारियों को बना दिया था