टैक्स स्लैब में आने पर लोगों को कई बार थोड़ी सी रकम के लिए भी स्लैब का पूरा टैक्स भरना पड़ता है. ऐसे में लोग टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग तरीके ढूंढा करते हैं. कई बार तो इसके लिए लोग चार्टड अकाउंटेंट्स की मदद भी लेते हैं लेकिन यदि आप अपने टैक्स को आसानी बचाकर अपनी बचत में इजाफा करना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है.
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दरअसल, करदाता आयकर अधिनियम 80 सीसी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. करदाताओं के पास निवेश के कई विकल्प होते हैं जिससे वह अपना टैक्स बचा सकते हैं. हालांकि, इनमें आपको रिटर्न बहुत कम या बिलकुल नहीं मिलता. यह करदाता के लिए एक कठिन स्थिति बन जाती है.हालांकि इससे बचत आसानी से हो जाती है.
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ऐसी ही परिस्थिति के लिए हम आपको ऐसी 4 योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको टैक्स बचत में तो मदद करेंगी. इसके साथ ही ये आपको अच्छा रिटर्न भी देंगी. यह योजनाएं हैं सुकन्या समृद्धि योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और 5 साल के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट. आइए इन योजनाओं के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं
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माता-पिता यह योजना अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के नाम पर खोल सकते हैं. इस अकाउंट के जरिए निवेशक 1.50 लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं. वर्तमान में सरकार इस योजना पर 7.60 फीसदी का ब्याज दे रही है. गौरतलब है कि इस योजना में निवेश की शुरुआत मात्र 250 रुपये के साथ की जा सकती है. बेटी की उम्र 18 साल से अधिक या फिर 10वीं पास करने पर 50 फीसदी तक की जमा राशि निकाली जा सकती है. बेटी की 21 साल की उम्र में यह खाता मैच्योर हो जाता है और तब पूरी रकम निकाली जा सकती है. इस खाते में मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है.
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यह एक चर्चित टैक्स सेविंग स्कीम है. सरकार इस योजना पर फिलहाल 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज दे रही है. यह अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है. हालांकि, इस योजना में निवेश करने वाले इंवेस्टर्स 5 साल बाद पैसा निकाल सकते हैं. इस योजना में आपको न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होगा. पीपीएफ निवेशक भी 80 सीसी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं
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यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है लेकिन इस स्कीम को सिर्फ 60 साल से अधिक उम्र के लोग ही खुलवा सकते हैं. इसे 1,000 रुपये के निवेश के साथ शुरु किया जा सकता है. सरकार सीनियर सीटिजन सेविंग स्कीम पर फिलहाल 7.4 की दर से ब्याज दे रही है. अगर ब्याज की रकम 1 साल में 50,000 रुपये से अधिक हो जाती है तो टीडीएस की कटौती की जाएगी. इसके अलावा अगर निवेशक समय से पहले इस स्कीम से पैसा निकालना चाहते हैं तो उन्हें जुर्माना देना होगा.
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बैंक में एफडी के जरिए भी टैक्स में बचत की जा सकती है. इसमें अच्छे रिटर्न की गारंटी होती है. यही वजह है कि निवेशक बैंक एफडी में खूब पैसा लगाते हैं. अलग-अलग बैंक एफडी पर विभिन्न ब्याज दरें ऑफर करते हैं. वहीं रिटर्न के साथ एफडी निवेशक उपरोक्त योजनाओं की तरह टैक्स छूट क्लेम कर सकता है. बैंकों की तरफ से सीनियर सिटीजन को एफडी पर अतिरिक्त ब्याज दिया जाता है. 5 साल वाली बैंक एफडी को सबसे अच्छा माना जाता है.