राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का ऐलान किया है. अशोक गहलोत सरकार की इस योजना के लिए तारीफ भी हो रही है. अलग-अलग कर्मचारी संगठन लंबे समय से पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग कर रहे हैं. क्या है 2004 से पहले की पेंशन व्यवस्था जिसे वाजपेयी सरकार में बदला गया था. समझें पूरी डिटेल.
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पुरानी पेंशन व्यवस्था में कई ऐसी व्यवस्थाएं थीं जिनसे रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों के पास आर्थिक सुरक्षा का पुख्ता आधार रहता था. पुरानी पेंशन में जीपीएफ की सुविधा होती थी. जीपीएफ एक तरह का रिटायरमेंट फंड है. इसकी पूरी रकम कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मिलती है. सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक जीपीएफ खाते में योगदान कर सकते हैं. पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होती थी. रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी मिलता था. पूरी पेंशन सरकार देती है.
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रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन देने का प्रावधान था. सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी थी. सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी की सुविधा मिलती थी. हर छह माह बाद महंगाई भत्ता और जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा थी.
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नई पेंशन स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है. वेतन से हर महीने 10 फीसदी की कटौती तय है. निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होगी. यह पूरी तरह शेयर बाजार और बीमा कंपनियों पर निर्भर रहेगी. नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा. रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद करने का प्रावधान है. कर्मचारी संघ अनिश्चितता की आशंकाओं को लेकर लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं.
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देश के कई हिस्सों में सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए 2004 से पहले वाली पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग हो रही है. 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाएगी. अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने इसे लागू कर दिया है.
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पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद रिटायर होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी. अंशदायी पेंशन योजना खत्म होगी और 2004 से पहले वाली पुरानी पेंशन प्रणाली फिर से बहाल होगी. इसमें वेतन की आधी पेंशन मिलेगी. नए पेंशन सिस्टम में कर्मचारी को खुद पैसा कटवाना होता था. अब पुरानी पेंशन बहाल होने से एक अप्रैल 2022 से संविदाकर्मियों की सैलरी 20 फीसदी बढ़ेगी.