LIC IPO का लंबे वक्त से इंतजार हो रहा था और इसे चार मई को लॉन्च कर दिया गया है लेकिन इसमें निवेश करने को लेकर RBI के एक फैसले से बैंक काफी नाराज हैं. रविवार को भी एएसबी सुविधा वाली शाखाएं खोलने के मुद्दे पर बैंक आरबीआई से खफा हैं.
Slide Photos
Image
Caption
दरअसल, बैंक अधिकारियों के संगठन एआईबीओसी ने एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (LIC IPO) में आवेदन करने के लिए रविवार को एएसबीए सुविधा वाली शाखाएं खोलने के आरबीआई के फैसले पर आपत्ति जताई है.
Image
Caption
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर आवेदन डिजिटल रूप से किए जाते हैं. बैंकों के तेजी से डिजिटलीकरण के साथ ही इस समय ज्यादातर शाखाएं एएसबीए (अवरुद्ध राशि द्वारा समर्थित आवेदन) हैं.
Image
Caption
एआईबीओसी ने एक बयान में कहा कि निवेशकों के बीच आईपीओ की ऑनलाइन सदस्यता के व्यापक उपयोग को देखते हुए, हमारा मानना है कि ज्यादातर शाखाओं को रविवार को भौतिक प्रारूप में एक भी आवेदन नहीं मिलेगा.
Image
Caption
एआईबीओसी ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सभी बैंक खुले रखने का फैसला हास्यास्पद है और बैंक इस तरह के भारी खर्च को वहन नहीं कर सकते. एआईबीओसी ने कहा कि इससे बैंक अधिकारियों में नाराजगी है. परिसंघ ने कहा कि आरबीआई ने सभी शाखाओं को खुला रखने का फैसला करते समय इसकी वास्तविक आवश्यकता का आकलन नहीं किया है.
Image
Caption
संगठन द्वारा LIC IPO के लिए शाखाएं खोलने के मुद्दे पर अपने बयान में कहा गया कि इस फैसले से कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसके 100 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है.
Image
Caption
आपको बता दें कि LIC IPO ने लॉन्चिंग के तीसरे ही दिन अपना टारगेट हासिल कर लिया है. इसके बावजूद इसमें अप्लाई करने वालों की दिलचस्पी कम नहीं हुई है. शेयर बाजारों में शाम सात बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी को 16,20,78,067 शेयरों के लिए 22,36,98,915 बोलियां प्राप्त हुईं. यह कुल निर्गम की तुलना में 1.38 गुना है.