डीएनए हिंदी: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो सतर्क हो जाएं. दरअसल साल 2021 भारतीय शेयर बाजार के लिए जितना सुनहरा साबित हुआ था. यह साल उतना ही नुकसान करवा रहा है. शेयर बाजार में तेजी के साथ हो रहे वोलेटिलिटी की वजह से म्यूचुअल फंड उद्योग पर भी करेक्शन होता दिख रहा हैं.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Amfi) ने एक आंकड़ा जारी किया था. बाजार में गिरावट आने की वजह से म्यूचुअल फंड का इन्वेस्टमेंट लगभग 44 फीसदी घट गया है. यानी बाजार में लगातार चल रहे उतार-चढ़ाव की वजह से इक्विटी फंड में गिरावट दर्ज की गई है.
क्यों आई गिरावट?
Amfi का कहना है कि ग्लोबल लेवल पर जियोपॉलिटिकल तनाव बढ़ा है. इस वजह से कुछ समय तक शेयर बाजार में गिरावट बनी रह सकती है. एक महीने पहले यूएस फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि की थी. अब कल रात फेड ने ब्याज दरों में 28 साल की सबसे बड़ी वृद्धि की है. बता दें कि फेड ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की है. फेड ने ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट या 0.75 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. इससे भारतीय शेयर बाजार अपने पिछले दस माह के निचले स्तर पर पहुंच गया. साथ ही यूएस डॉलर के मुकाबले रुपया बुरी तरह टूटा है.
निवेशकों के लिए मौका भुनाने का समय
अगर बाजार में इसी तरह गिरावट होती रही तो म्यूचुअल फंड निवेशकों (Mutual Fund Investors) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश के तौर पर यह बेहतरीन समय है.
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फेड के ब्याज दर में बढ़ोतरी से बुरी तरह टूटा भारतीय बाजार, Mutual Fund पर हो सकता है असर