डीएनए हिंदी: अगर आपने भी एनपीएस (NPS) में निवेश किया है तो आपके लिए अच्छी खबर है. अब आप राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की योजनाओं में शामिल जोखिमों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए पीएफआरडीए (PFRDA) ने नया नियम बनाया है. अब नए नियमों के मुताबिक पेंशन फंड को अब हर तिमाही की समाप्ति से 15 दिन पहले सभी एनपीएस योजनाओं की जोखिम की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी.
दरअसल, एनपीएस में लोग अक्सर इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि किस एसेट में निवेश करें. पीएफआरडीए के इस कदम का मकसद एनपीएस सब्सक्राइबर्स को यह तय करने में मदद करना है कि उनके लिए कौन से एसेट में निवेश करना फायदेमंद होगा.
पीएफआरडीए ने जारी की गाइडलाइंस
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. जिसके मुताबिक नियामक ने निवेशकों को जागरूक करने के लिए छह जोखिम स्तरों को चुना है. विभिन्न एनपीएस योजनाओं में निवेश करने से पहले, वे उनसे जुड़े जोखिमों के बारे में सारी जानकारी देंगे. आपको बता दें कि नए नियम 15 जुलाई 2022 से लागू होंगे. साथ ही ये कैटेगरी ई, सी, जी और ए की सभी मौजूदा स्कीमों पर भी लागू होंगे.
क्या है नया नियम?
PFRDA द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, "पेंशन फंड योजनाओं के विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों के तहत निवेश में ग्राहकों के लिए जोखिम के विभिन्न स्तर शामिल होंगे." इसलिए, यह आवश्यक है कि एनपीएस की विभिन्न योजनाओं में शामिल जोखिमों की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाए. जोखिम के छह स्तर निर्धारित किए गए हैं. पहला लो रिस्क, दूसरा लो से मीडियम रिस्क, तीसरा मीडियम रिस्क, चौथा मीडियम हाई रिस्क, पांचवां हाई रिस्क और छठा बहुत ज्यादा रिस्क है.
इतना ही नहीं, नियामक ने सर्कुलर में यह भी कहा है कि टियर-1 और टियर-2 एसेट क्लास इक्विटी (ई), कॉरपोरेट डेट (सी), सरकारी सिक्योरिटीज (जी), और पेंशन फंड मैनेजिंग स्कीम ए हैं.
निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- योजना की विशेषताओं के आधार पर पेंशन फंड ई-टियर 1, ई-टियर 2, सी-टियर 1, सी-टियर-2, जी-टियर-1, जी-टियर-2 और योजना ए के जोखिम स्तर फैसला किया जाएगा.
- प्रत्येक तिमाही की समाप्ति से पहले 15 दिनों के भीतर पेंशन फंड की वेबसाइट के 'पोर्टफोलियो प्रकटीकरण' अनुभाग में जोखिम स्तर की जानकारी प्रदान करना अनिवार्य होगा.
- पेंशन फंड द्वारा निर्धारित जोखिम स्तर की तिमाही आधार पर जांच की जाएगी. यदि कोई परिवर्तन होता है तो इसकी सूचना पेंशन फंड की वेबसाइटों के साथ-साथ एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइटों पर भी दी जाएगी.
- पेंशन फंड हर साल 31 मार्च तक योजनाओं के बारे में अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे.
- एक वर्ष के दौरान हर बार जोखिम स्तर बदलने पर रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा.
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NPS Rule Chnaged: विभाग ने जारी की नई गाइडलाइंस, आपके लिए जानना जरूरी