डीएनए हिंदी: अगर आप नए करदाता हैं तो आपको रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ बातें जाननी जरूरी हैं. टैक्स रिटर्न फाइल करने की एक प्रक्रिया होती है. इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही रिफंड जारी किया जाता है. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसका वेरिफिकेशन किया जाता है. वेरिफिकेशन के बाद जब इसे जमा किया जाता है तो आयकर विभाग (Income Tax Department) जांच करता है.
ITR में लेटर ऑफ इंटिमेशन क्या है?
टैक्स की भाषा में इसे लेटर ऑफ इंटिमेशन कहा जाता है. यह नोटिस बताता है कि आपके द्वारा दाखिल किया गया रिटर्न सही है या गलत. ऐसा नोटिस तब भी आ सकता है जब आपने ब्याज की जानकारी गलत दर्ज की हो या रिटर्न दाखिल करते समय कोई छोटी सी गलती हुई हो. यह नोटिस बताता है कि रिटर्न में जो भी गलतियां हुई हैं उन्हें सुधार लें.
इनकम टैक्स नोटिस क्यों आ सकता है?
- अगर आपकी देनदारी इनकम टैक्स रिटर्न के दौरान चुकाए गए टैक्स से ज्यादा हो रही है.
- अगर आपने रिटर्न के दौरान जो टैक्स भरा है उससे आपकी देनदारी कम हो रही है या आपने सही तरीके से रिटर्न फाइल किया है.
- जानकार मानते हैं कि इस तरह के नोटिस अक्सर हर करदाता के पास आते हैं. अगर आपको ऐसा नोटिस नहीं मिलता है तो आप मान सकते हैं कि आपकी रिटर्न प्रोसेस नहीं की गई है.
इनकम टैक्स नोटिस का जवाब देने में देरी न करें
टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक 143(1) के तहत टैक्स नोटिस को नोटिस ऑफ डिमांड कहा जाता है. यानी अगर आपकी कोई टैक्स देनदारी बकाया है तो आप इस मैसेज के मिलने के 20 दिन के अंदर उसका भुगतान कर दें. यदि आप इसमें देरी करते हैं तो 30 दिन बीत जाने के बाद आपको एक प्रतिशत मासिक की दर से ब्याज देना होगा.
आयकर वापसी की स्थिति की जांच कैसे करें?
- अगर आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपको होमपेज के बाईं ओर कॉलम में नंबर 9 पर ITR Status लिखा हुआ मिलेगा.
- इस पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा जहां आपको पैन नंबर, आईटीआर एक्नॉलेजमेंट नंबर और कैप्चा कोड भरना होगा. ध्यान रहे कि ITR सबमिट करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी रजिस्टर्ड मेल आईडी पर एक्नॉलेजमेंट नंबर भेजता है.
- इन सभी विवरणों को जमा करने के बाद ITR प्रोसेसिंग की स्थिति का पता चल जाएगा. अगर रिटर्न प्रोसेस नहीं किया जाता है तो रिटर्न सबमिट और वेरिफाइड और प्रोसेस किया जाता है जिसपर रिटर्न प्रोसेस्ड और रिफंड पेड लिखा जाएगा.
- अगर आप इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉग ऑन करते हैं तो नीचे डैशबोर्ड पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग और व्यू रिटर्न/फॉर्म्स लिखा होगा.
- दूसरे विकल्प पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा जिसमें ऊपर आपका पैन नंबर अपलोड होगा और आकलन वर्ष और नीचे आयकर रिटर्न का चयन करना होगा.
- फिर सबमिट करने के बाद रिटर्न स्टेटस दिखाया जाएगा. यदि रिटर्न प्रोसेस्ड नहीं होता है तो स्थिति सफलतापूर्वक सत्यापित के रूप में लिखी जाएगी.
- अगर आईटीआर प्रोसेस्ड लिखा हुआ है तो समझ लें कि आपका आईटीआर प्रोसेस हो चुका है.
मांग सूचना (धारा 156 के तहत)
धारा 156 के तहत बकाया राशि, ब्याज, जुर्माने आदि के खिलाफ आयकर नोटिस जारी किया जाता है. ऐसी जानकारी आमतौर पर आयकर रिटर्न के आकलन के बाद भेजी जाती है. निर्धारण अधिकारी द्वारा जारी नोटिस, देय राशि का निर्देश देता है और करदाता को किसी भी दंड से बचने के लिए बकाया राशि समय पर जमा करने के लिए कहता है.
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