डीएनए हिंदी: काजू-बादाम हो या अखरोट-पिस्ता इन सभी ड्राई फ्रूट्स की कीमत हमेशा ऊंची रहती है. इस वजह से अधिकतर आम लोग इसे खरीद नहीं पाते. आम तौर पर लोग त्योहारी सीजन या शादी ब्याह के अवसरों पर ही मिडल क्लास लोग ड्राई फ्रूट्स की खरीदे करते हैं, पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये ड्राई फ्रूट्स आखिर इतने महंगे क्यों मिलते हैं?  आपको बता दें कि ड्राई फ्रूट्स की ऊंची कीमत के कई कारण हैं. इसका मुख्य कारण पेड़ों को उगाने और उनकी देखभाल करने में आने वाली कठिनाई है. इसके अतिरिक्त, उनकी उत्पादन लागत बहुत अधिक है. आइए विस्तार से जानते हैं कि क्यों इतने महंगे बिकते हैं ये सूखे मेवे या ड्राई फ्रूट्स.

डिमांड के मुकाबले सप्लाई है कम
ड्राई फ्रूट्स में कई तरह के चिकित्सीय गुण मौजूद होते हैं. उनकी हाई डिमांड के कारण है उनमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. ड्राई फ्रूट्स की ऊंची कीमत का मुख्य कारण आपूर्ति और मांग के बीच असंतुलन है. हालांकि बाजार में इनकी मांग लगातार बनी रहती है, फिर भी इनका उत्पादन कभी-कभार ही होता है. यदि मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होती है तो किसी भी चीज की कीमत बढ़ ही जाती है.

ये भी पढ़े: गुलखैरा की खेती बना देगी करोड़पति, ऐसे शुरू करें इसका बिजनेस

ड्राई फ्रूट्स की खेती है काफी मुश्किल
ड्राई फ्रूट्स केवल एक विशिष्ट प्रकार की जलवायु में उगाए जा सकते हैं. इनका उत्पादन हर जगह नहीं किया जा सकता. उदाहरण के लिए, पिस्ता कैलिफोर्निया की चुनौतीपूर्ण जलवायु में उगाया जाता है. इसके विपरीत गोवा जैसे भारतीय राज्यों में काजू की खेती बहुत छोटे पैमाने पर की जाती है.  इन्हें उगाना न केवल चुनौतीपूर्ण है, बल्कि कीमत भी बहुत अधिक है. दूसरी ओर, अधिकांश ड्राई फ्रूट्स के पेड़ ऐसे होते हैं जो रोपण के 10 से 15 साल बाद फल देना शुरू करते हैं.

ये भी पढ़े: केसरी रंग में ट्रैक पर उतरी नई वंदे भारत एक्सप्रैस, जानें ट्रेन का किराया और फीचर्स

मजदूरों की जरूरत भी है अधिक
ड्राई फ्रूट्स की खेती में कई अलग-अलग प्रकार की मशीनरी का उपयोग किया जाता है. इसके बावजूद इन्हें पूर्ण रूप से तैयार होने तक पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर लेबर की जरूरत पड़ती है. ड्राई फ्रूट्स को पेड़ों से तोड़कर, धूप में सुखाकर और कई अन्य चरणों से तैयार किया जाता है. कई सारे ड्राई फ्रूट्स के शेल काफी मजबूत होते हैं जिन्हें सावधानी से छीलने के लिए लोगों की जरूरत पड़ती है ताकि ड्राई फ्रूट्स टूट ना जाए. टूटे हुए काजू, पिस्ता बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स का दाम, साबुत बादाम, काजू और पिस्ता के मुकाबले काफी कम होता है. ऐसे में उन्हें छीलने के लिए काफी मजदूरों की जरूरत पड़ती है. इससे उनकी लागत और बढ़ जाती है, जिसके बाद इन्हें ग्राहको की जेब से महंगी कीमतों के जरिए वसूला जाता है.

टैक्स भी है एक बड़ा कारण
भारत से बाहर से आयात होने वाले ड्राई फ्रूट्स पर लगने वाला टैक्स और भारत में GST की वजह से भी इन प्रोडक्ट्स की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होती है.

रख-रखाव में खर्च
ड्राई फ्रूट्स को रखने के लिए एक खास तरह के टेंप्रेचर की जरूरत पड़ती है जिससे यह लंबे समय तक चले. इस वजह से भी ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में इजाफा हो जाता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम

Url Title
Why dry fruits like pistachio almond and cashew etc are expensive know the reason behind it
Short Title
बादाम 800 तो 1200 रुपये किलो पिस्ता, क्यों इतने महंगे हैं ड्राई फ्रूट्स?
Article Type
Language
Hindi
Tags Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
dryfruits
Date updated
Date published
Home Title

 बादाम 800 तो 1200 रुपये किलो पिस्ता, क्यों इतने महंगे हैं ड्राई फ्रूट्स? जानें कैसे तय होती है कीमत

Word Count
568