डीएनए हिंदी: किसी भी व्यापार में नैतिकता बहुत जरूरी है. हालांकि, सभी व्यावसायिक घराने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह अपने कॉरपोरेट गवर्नेंस और कारोबार करने के तरीके में नैतिकता लाने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है. अभी तक के इतिहास में वे लगातार मुख्य नैतिक अधिकारियों की नियुक्ति करते रहे हैं/ अब इसी से सीख लेते हुए एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने एक मुख्य नैतिक अधिकारी भी नियुक्त किया है. प्रसून सिंह (Prasoon Singh), जो कि पहले मुख्य सतर्कता अधिकारी थे. वे अब बैंक के मुख्य नैतिक अधिकारी (HDFC Chief Ethics Officer) बन गए हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 9,24,235 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है.
कौन हैं प्रसून सिंह?
प्रसून सिंह बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी एजुकेशन सेंट जेवियर्स स्कूल (St Xaviers School) से की है. इसके बाद JNU यानी कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया है. यहीं से उन्होंने बीए ऑनर्स किया. बाद में उन्हें केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क विभाग के रूप में सरकारी नौकरी मिली. इस दौरान उनकी पोस्टिंग मुंबई में थी. बाद में, वह राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) गए. उन्होंने सात साल से ज्यादा समय तक यहां बतौर इंटेलिजेंस ऑफिसर के रूप में काम किया. बाद में वह प्रवर्तन निदेशालय में प्रवर्तन निदेशक के रूप में शामिल हुए. चार साल के बाद, वह एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में निजी क्षेत्र में शामिल हो गए.
वह एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के साथ 9 साल 9 महीने से अधिक समय से हैं. वह अब तक आंतरिक सतर्कता के प्रमुख थे.
वह बैंक के धोखाधड़ी और सतर्कता विभाग के प्रमुख भी थे.
वह नवंबर 2009 और जुलाई 2013 के बीच ईडी में रहे. वह जुलाई 2002 और नवंबर 2009 के बीच खुफिया अधिकारी थे.
वह मई 1995 से जुलाई 2002 के बीच आबकारी निरीक्षक थे.
उन्होंने नवी मुंबई के CSMU में कानून की पढ़ाई की. साथ ही उन्होंने MIT Sloan School of Management से मैनेजमेंट सीखा.
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कौन हैं प्रसून सिंह, जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ी और बन गए इस बड़े बैंक के CEO