डीएनए हिंदीः क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय हुई है. हमारे देश में भी इस डिजिटल करेंसी में लोगों का काफी रूचि है. हालांकि पीएम मोदी और वित्त मंत्री समय-समय पर इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. सरकार क्रिप्टो करेंसी को डिजिटल करेंसी नहीं बल्कि डिजिटल एसेट कहती है. पीएम मोदी ने कई बार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा है कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद को फंडिंग जैसे मुद्दे उठाकर दुनिया का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश है. संयुक्त राष्ट्र संघ (UNITED NATIONS) की ट्रेड बॉडी UNITED NATIONS CONFERENCE ON TRADE AND DEVELOPMENT (UNCTAD) ने विकासशील देशों से क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने की चेतावनी दी है.

UNCTAD के मुताबिक यह एक अस्थिर वित्तीय संपत्ति है. ये बात सही है कि डिजिटल करेंसी से कुछ लोगों या कंपनियों को फायदा पहुंचा है. इन फायदों के सामने क्रिप्टोकरेंसी से पैदा होने वाले खतरे नजरअंदाज हो रहे हैं. डिजिटल करेंसी की वजह से किसी भी देश में वित्तीय अस्थिरता आ सकती है. उस देश की जनता को दी जाने वाली सुविधाओं पर किए जाने वाले खर्च पर बुरा असर पड़ेगा. साथ ही उस देश की सेंट्रल बैंक और खजाने या कहें मौद्रिक प्रणाली की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन जाएगी.

COVID-19 महामारी को दौरान क्रिप्टो में आई तेजी
पेमेंट करने का एक विकल्प हैं क्रिप्टोकरेंसी. एक encrypted तकनीक के जरिए डिजिटल लेनदेन किया जाता है. इस तकनीक को ब्लॉकचेन कहा जाता है. क्रिप्टोकरेंसी दुनिया में पहले से मौजूद थी लेकिन COVID-19 महामारी के दौरान इसके इस्तेमाल में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. इस समय दुनिया में 19,000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं जबकि 2018 में ये आंकड़ा सिर्फ 1500 पर खड़ा था. पहली क्रिप्टोकरेंसी साल 2009 में वजूद में आई थी. सितंबर, 2019 से जून, 2021 के बीच क्रिप्टोकरेंसी में 2300% बढ़ोतरी देखने को मिली है.

इस तेजी में बहुत बड़ा हाथ विकासशील देशों का है. अगर किसी भी देश में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले नागरिकों के प्रतिशत के हिसाब से देखें तो टॉप20 में 15 विकासशील देश शामिल हैं. UNCTAD के साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया यूक्रेन की कुल जनसंख्या में से 12.7% लोग ऐसे हैं जो क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं. जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है. दूसरे नंबर पर मौजूद रशिया के 11.9% नागरिक क्रिप्टोकरेंसी के मालिक बने हुए हैं. 10.3% जनसंख्या के साथ वैनेजुएला तीसरे नंबर पर काबिज है. 8.3% जनसंख्या के साथ अमेरिका छठे नंबर पर है तो 7.3% के साथ भारत सातवें नंबर पर काबिज है.

UN Data

आखिर विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी में क्यों हुई इतनी बढ़ोतरी?
UNCTAD के मुताबिक विकासशील देशों में मुख्य रूप से दो कारणों से क्रिप्टोकरेंसी में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. पहला कारण है, लेन देन में सहूलियत होना. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में अमाउंट ट्रांसफर करना आसान, सस्ता और तेज होता है. कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण अमाउंट ट्रांसफर करने के पारंपरिक तरीकों को अपनना कठिन हो गया था जिसकी वजह से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी का रूख किया. विकासशील देशों में मिडिल क्लास क्रिप्टोकरेंसी को निवेश का बेहतर विकल्प मान रहा है.

इस तरह का चलन उन देशों में ज्यादा देखने को मिला जहां कोविड महामारी की वजह से इन्फ्लेशन नई ऊंचाईयां छू रहा है और करेंसी कमजोर हो रही है. इन देशों में क्रिप्टोकरेंसी को घर की बचत सुरक्षित रखने के एक तरीके के तौर पर देखा जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी के विस्तार में क्रिप्टो एक्सचेंज ने भी एक अहम रोल अदा किया है. क्रिप्टोकरेंसी को उस देश की करेंसी में एक्सचेंज करने में ये बेहद तेजी से कर देते हैं. UNCTAD के मुताबिक मई 2021 तक दुनिया में 450 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं, जो रोजाना लगभग 500 बिलियन डॉलर का व्यापार करते हैं. ये दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ की उस अधिकतम क्षमता के बराबर है जो जनवरी 2022 में हासिल की है.

मेटल सेक्टर में की एंट्री कर बिड़ला और वेदांता ग्रुप को सीधी टक्कर देने की तैयारी में गौतम अडानी

क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते वर्चस्व से पैदा होने वाले खतरे
UNCTAD का कहना है कि हाल ही में डिजिटल करेंसी मार्केट में कुछ झटके लगे थे, जिनसे ऐसा लगता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने में निजी जोखिम हो सकता है लेकिन अगर देश की सेंट्रल बैंक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित रखने के लिए दाखिल हो जाती है तो ये निजी जोखिम सार्वजनिक जोखिम में बदल जाएगा. इसके अलावा अगर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट के तरीके के तौर पर लगातार बढ़ता रहा तो हो सकता है कि गैर-आधिकारिक तौर पर ये उस देश की करेंसी की जगह ले ले. ऐसा होने पर उस देश की सरकार का अपने देश की करेंसी पर कंट्रोल खतरे में पड़ जाएगा. UNCTAD ने सावधान किया है कि स्टेबल कॉइन्स से विकासशील देशों को रिजर्व करेंसी की मांग को पूरा करने में कठिनाई पैदा हो सकती है.

जैसा कि नाम से ही समझ आता है स्टेबल कॉइन्स का मतलब ऐसे कॉइन्स जिनकी कीमत में ज्यादा बदलाव ना हो जो स्थिर रहें. इन कॉइन्स की वैल्यू इनके साथ जोड़ी गई दूसरी करेंसी या कमॉडिटी से आंकी जाती है. इन्ही सब कारणों की वजह से IMF ने भी लीगल टेंडर के तौर पर क्रिप्टो करेंसी खतरा पैदा कर सकती है. UNCTAD अपने पॉलिसी ब्रीफ में एक और चेतावनी देते हुए कहती है कि क्रिप्टोकरेंसी टैक्स चोरी को बढ़ावा दे सकती है बिल्कुल TAX HAVEN की तरह जहां लेन-देन करने वालों की पहचान करना मुश्किल होता है. इस तरह क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश की सरकार का उसकी कैपिटल पर नियंत्रण में ही रूकावट पैदा कर सकता है. ऐसा होने पर वो देश ना तो अपनी अर्थव्यवस्था और पॉलिसी पर नियंत्रण खो देगा.

Bank Long Holiday Weekend August 2022: इस सप्ताह इन तारीखों पर बंद रहेंगे बैंक

क्रिप्टोकरेंसी को कैसे करें नियंत्रित
विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी के लगातार बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए UNCTAD ने कुछ सुझाव दिए हैं. क्रिप्टोकरेंसी को रोकने के लिए UNCTAD ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या तेज रीटेल पेमेंट सिस्टम को एक विकल्प बताया है. हालांकि इसमें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी जो हर देश की जरूरत और क्षमता के हिसाब से होंगी. UNCTAD ने सरकारों से अपील की है कि वो नागरिकों को नगदी की कमी ना होने दें.

संयुक्त राष्ट्र की इस ट्रेड बॉडी ने क्रिप्टो एक्सचेंज, डिजिटल वॉलेट को रैगुलेट करने की सलाह दी है. साथ ही वित्तीय संस्थानों पर स्टेबल कॉइन सहित क्रिप्टकरेंसी रखने पर प्रतिबंध लगाने को भी कहा है. भारी-जोखिम वाली अन्य संपत्तियों कि तरह क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन को भी नियंत्रित करने का कदम उठाने की सलाह दी है. इस डिजिटल युग में सरकारों को सलाह दी गई है कि वो अपने नागरिकों को सुरक्षित, भरोसेमंद पेमेंट सिस्टम दें. इसके अलावा UNCTAD क्रिप्टोकरेंसी पर एक ग्लोबल टैक्स लगाने की वकालत करता है जिसके लिए सभी देश एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
UN warning to developing countries, what number India is in world in terms of cryptocurrency
Short Title
जानिए क्रिप्टोकरेंसी के मामले में भारत दुनिया में किस नंबर पर 
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Bitcoin And Ethereum Price
Date updated
Date published
Home Title

UN की विकासशील देशों को चेतावनी, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के मामले में भारत दुनिया में किस नंबर पर