कहते हैं जहां चाह है वहीं रात है. सफलता किसी को हाथों हाथ या एक दिन में नहीं मिलती है. सफलता के लिए कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास का होना जरूरी होता है. ऐसी ही एक कहानी है, टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के मालिक सुनील मित्तल की. सुनील भारती मित्तल का जन्म पंजाब के लुधियाना में 23 अक्टूबर 1957 को हुआ था. उनके पिता सतपाल मित्तल दो बार सांसद रहे. लेकिन सुनील ने पिता की तरह राजनीति में न जाने के बजाए खुद के बिजनस का सपना देखा. उनकी शुरुआती पढ़ाई मसूरी के बिनबर्ग स्कूल में हुई. इसके बाद उनकी स्कूलिंग ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से हुई और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. नामी कॉलेजों से पढ़ने के बाद भी सुनील ने ठान लिया की वो बिजनेस ही करेंगे. इसके बाद सुनील ने अपने पिता से 20,000 रुपये लिए और अपने दोस्त के साथ मिलकर साइकिल बिजनस शुरू कर दिया.
साइकिल पार्ट्स बनाने से की शुरूआत
उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर साइकिल पार्ट्स बनाने की यूनिट लगाई. तीन साल में ही उन्होंने एक की तीन यूनिट्स बना लीं. इस बिजनस में उन्हें मुनाफा भी हुआ लेकिन सुनील को इसमें ज्यादा संभावनाएं नहीं नजर आईं. इसके बाद सुनील ने अपना साइकिल का कारोबार बेच दिया और इलेक्ट्रिक पावर जनरेटर का काम करने लगे. लेकिन सुनील को बड़ा झटका तब लगा जब सरकार ने साल 1983 में जेनरेटर के निर्यात पर रोक लगा दी. इतना सब होने के बाद भी सुनील ने हार नहीं मानी और वो चलते रहे. बाद में वो बीटल नाम का फोन लेकर आए और वो इसे ताइवान से आयात करते थे.
20 हजार से 22.5 अरब तक का सफर
कहते हैं न मेहनती लोगों के तो सफलता भी कदम चूमती है. आखिरकार वही हुआ. साल 1992 सरकार पहली बार मोबाइल फोन सेवाओं के लिए लाइसेंस दे रही थी. उस समय सुनील मित्तल ने भी सेलुलर सर्कल का लाइसेंस प्राप्त किया. इसके बाद साल 1995 में सुनील ने भारती सेलुलर लिमिटेड (BCL) की स्थापना की. इसमें वह एयरटेल ब्रांड लेकर आए. साल 2008 आते-आते एयरटेल के ग्राहकों की तादात काफी बढ़ गई थी. देखते ही देखते एयरटेल दुनिया की टॉप टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन गई.
आज सुनील मित्तल 22.5 अरब की नेटवर्थ के मालिक होने के साथ भारत के टॉप अमीरों में शामिल हैं. उनकी भारती एयरटेल में 25 फीसदी हिस्सेदारी है, साथ ही भारती एंटरप्राइजेज और दूसरी होल्डिंग कंपनियों में भी उनकी पार्टनरशिप है. भारती एयरटेल का बिजनस 17 देशों में फैला है और उसके 49 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

Success Story: 'जहां चाह है- वहीं राह है', पिता से 20 हजार रुपये लेकर की सफर की शुरूआत, आज खड़ी की 22.5 अरब की संपत्ति