डीएनए हिंदी: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) ने अपने ताजा बयान में कहा है कि देश में पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel) का उत्पादन मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. मंत्रालय ने जून की पहली छमाही के दौरान पेट्रोल और डीजल की मांग (Petrol And Diesel Demand Hike) में भारी वृद्धि के बाद यह बात कही है. 1 से 14 जून के बीच पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 54.2 प्रतिशत अधिक देखने को मिली है, क्योंकि पिछले साल समान अवधि के दौरान देश कोविड की दूसरी लहर के चपेट में था, जिसकी वजह से देश में डिमांड कम थी. जबकि डीजल की बिक्री 1-14 जून के बीच सालाना आधार पर 47.8 प्रतिशत बढ़कर 3.4 मिलियन टन हो गई. 

मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के स्वामित्व वाले (पीएसयू) खुदरा दुकानों पर भीड़ में भी काफी इजाफा देखने को मिला है, जिससे ग्राहकों पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मंत्रालय के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा सप्लाई डिस्टर्बेंस अटकनलों को जन्म दिया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं जहां विशेष रूप से मांग में तेज वृद्धि देखी गई है. मंत्रालय ने बताया कि ये वे राज्य हैं जहां बड़ी मात्रा में सप्लाई प्राइवेट कंपनियों से संबंधित रिटेल आउटलेट द्वारा की जा रही थी और जहां आपूर्ति स्थानों जैसे टर्मिनलों और डिपो से दूरी लंबी है.

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मंत्रालय ने नोट किया कि मांग में वृद्धि कृषि गतिविधियों के कारण मांग में मौसमी उछाल, थोक खरीदारों ने अपनी खरीद को खुदरा दुकानों में ट्रांसफर कर दिया है, और निजी विपणन कंपनियों द्वारा बिक्री में पर्याप्त कमी के साथ उनकी पर्याप्त मात्रा में बदलाव के कारण मांग में वृद्धि हुई है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा इजाफे की वजह से स्थानीय स्तर पर कुछ अस्थायी लॉजिस्टिक इश्यू पैदा किए हैं. सरकार ने अपने बयान में कहा कि कंपनियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि इस अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीजल की पर्याप्त आपूर्ति उपलब्ध हो और वे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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इसने आगे बताया कि तेल कंपनियां डिपो और टर्मिनलों पर स्टॉक बढ़ाकर इन इश्यू से निपट रही हैं, खुदरा दुकानों की सेवा के लिए टैंक ट्रकों और लॉरियों की अतिरिक्त आवाजाही; अतिरिक्त मांग को पूरा करने और प्रभावित राज्यों में आपूर्ति के लिए ईंधन की अतिरिक्त मात्रा का प्रावधान करने के लिए रात सहित डिपो और टर्मिनलों के काम के घंटे बढ़ाए गए हैं.

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Is shortage of petrol and diesel in India, read answer of government
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Petrol Diesel Crisis: क्या भारत में भी पाक-श्रीलंका जैसे होंगे हालात?
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Petrol Diesel Crisis: क्या भारत में भी पाक-श्रीलंका जैसे होंगे हालात?