डीएनए हिंदी: मंगलवार को शेयर बाजार नियामक सेबी ने इलिक्विड स्टॉक ऑप्शन सेगमेंट में गैर-वास्तविक व्यापार (Non-genuine trades) में शामिल होने के लिए 9 संस्थाओं पर कुल 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नियामक ने नौ अलग-अलग आदेशों में विवेक कंपनी, साउंडलाइट प्रोजेक्ट्स, एसआर रियलबिल्ड, सृजन डीलर्स, मनोमय डीलमार्क, जोडिएक वाणिज्य, वीकेजे ट्रेक्सिम, हंस होम्स और गुरुतेग बहादुर राइस मिल पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
आखिर क्या है पूरा मामला
सेबी द्वारा बीएसई के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शन सेगमेंट में व्यापक रिवर्स ट्रेडों को देखने के बाद यह आदेश जारी किया गया था, जिससे स्टॉक एक्सचेंज पर आर्टिफिशियल यानी फर्जी वॉल्यूम बढ़ गया था. इसके बाद अप्रैल 2014 और सितंबर 2015 के बीच इस सेगमेंट की व्यापारिक गतिविधि में शामिल कुछ संस्थाओं पर ध्यान दिया. इस जांच में पाया गया कि दंडित की गई सभी नौ संस्थाएं रिवर्सल ट्रेड करने के लिए जिम्मेदार थीं.
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गैर-प्रामाणिक व्यापार (Non-Genuine Trade) क्या है?
SEBI के अनुसार, रिवर्सल ट्रेड, असल में वास्तविक नहीं हैं क्योंकि उन्हें नियमित ट्रेडिंग घंटों के दौरान एग्जीक्यूट किया जाता है, जिससे ट्रेडिंग का एक फर्जी पैटर्न बनता है. इसके परिणामस्वरूप आर्टिफिशियल वॉल्यूम जनरेट होता है. संस्थाओं द्वारा की गया ये काम धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के अंतर्गत आती है. इन सभी ने PFUTP के मानकों का उल्लंघन किया है.
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10 लोगों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस
टाइटन कंपनी लिमिटेड (TCL) पर इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप साबित नहीं हुआ, इसलिए नियामक (SEBI) ने सोमवार को एक अलग आदेश में 10 लोगों के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस को खारिज कर दिया.
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सेबी ने 9 कंपनियों पर लगाया 45 लाख रुपये का जुर्माना, वजह जानकर निवेशक हो जाएंगे हैरान